4 साल की उम्र से पहले की बातें क्यों भूल जाते हैं लोग, दिमाग में क्या होता है बदलाव?
4 साल से कम उम्र के बच्चों में याद करने की क्षमता नहीं होती है लेकिन आखिर ऐसा क्यों होता है और इसके होने के पीछे क्या कारण हैं , चलिए आज हम आपको विस्तार बताते हैं.

बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो अपने साथ बचपन की यादें संजोकर रखते हैं और वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इनको कुछ ही दिन या फिर कुछ साल में भूल जाते हैं. हालांकि, ऐसा माना जाता है इंसान आमतौर पर 4 साल से पहले की सारी बातें भूल जाता है. उस दौरान उसने क्या किया, कहां खेला-कूदा सब कुछ वह भूल जाता है. लेकिन आखिर ऐसा क्या होता है कि इंसान 4 साल की उम्र से पहले की सारी बातें भूल जाता है चलिए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
आखिर ऐसा क्यों होता है?
बचपन में खासकर 4 साल तक की उम्र तक दिमाग का हिप्पोकैम्पस पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है. यह याददश्त को इकठ्ठा करने में मदद करता है, इसके चलते 4 साल की उम्र से पहले हम जो भी सोचते हैं, देखते हैं या फिर करते हैं वे चीजें हमारी मेमोरी में स्टोर नहीं हो पाती हैं और हमें चीजें याद नहीं रहती हैं. इसके अलावा भाषा का हमारे जीवन में काफी महत्व होता है जो 3 से 4 साल के बच्चों में पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है जिसके चलते वे अपने अनुभवों को शब्दों में ढालकर याद नहीं रख पाते हैं.
उस समय काफी तेजी के साथ विकसित होता है, ऐसे में नई नई न्यूरल कनेक्शन बनते रहते हैं और टूटते भी रहते हैं. जिसके चलते यादें बनती और टूटती रहती हैं. एक शोध के अनुसार, ज्यादातर लोग 3.5 साल की उम्र से पहले की कोई भी याद स्पष्ट रूप से याद नहीं रख पाते.
बच्चों पर हुई रिसर्च
इसे लेकर येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च किया था, जिसमें 4 साल से कम उम्र के बच्चों को एक तस्वीर दिखाई गई और फिर देखा गया कि क्या उनको इसके बारे में कुछ याद रहता है या नहीं. उसमें पता चला था कि तस्वीर देखने के बाद हिप्पोकैम्पस पहली बार ज्यादा एक्टिव हो गया था और जब उन्हें वही तस्वीर दोबारा दिखाई गई तो वे उनको पहचानने में सक्षम थे. इससे यह तो पता चल गया कि बच्चों में भी बड़ों की तरह यादों को इकठ्ठा करने की क्षमता होती है, लेकिन छोटे बच्चों में ध्यान करने की क्षमता कम होती है.
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Source: IOCL






















