कौन हैं माया टाटा? जो रतन टाटा के बाद हो सकती हैं टाटा ग्रुप की उत्तराधिकारी
Who Is Maya Tata: कौन हैं 34 साल की माया टाटा, रतन टाटा से उनका क्या रिश्ता है. और क्यों वह उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रही हैं. चलिए आपको बताते हैं.
Who Is Maya Tata: 9 अक्टूबर की रात देश के लिए एक बेहद बुरी खबर लेकर आई. टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन और भारत के सबसे मशहूर उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा इस दुनिया से चले गए. 86 साल की उम्र में रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली. रतन टाटा के देहांत के बाद अब टाटा ग्रुप का नया उत्तराधिकारी कौन होगा.
इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं. उत्तराधिकारी की इस रेस में जो नाम सबसे आगे चल रहा है वह है माया टाटा. 34 साल की माया टाटा कौन है. रतन टाटा से उनका क्या रिश्ता है. और क्यों वह उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रही हैं. चलिए आपको बताते हैं.
कौन हैं माया टाटा?
माया टाटा दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की भतीजी हैं. 34 साल की माया टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा और साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री की बेटी हैं. माया टाटा ने बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में कई बड़े ओहदों पर रहीं. उन्होंने खुद रतन टाटा से बिजनेस के बहुत सारे गुर सीखे. माया टाटा ने टाटा नियो ऐपे लॉन्च करने भी बड़ा योगदान दिया था.
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पढ़ाई और बिजनेस की शुरूआत
माया टाटा ने इंग्लैंड के बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. माया टाटा की बिजनेस में एंट्री टाटा कैपिटल की सब्सिडियरी कंपनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड में शामिल होकर हुई थी. वहां माया टाटा ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट इन्वेस्टर रिलेटेड बिजनेस में अपनी स्किल्स को डेवलप किया. जिससे कॉरपोरेट वर्ल्ड के कंपलेक्स डायनामिक्स को समझने में उन्हें आसानी हुई. जब टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड बंद हुआ. उसके बाद वह टाटा ग्रुप की दूसरी सब्सिडियरी कंपनी टाटा डिजीटल से जुड़ीं. जहां उन्होंने एन चंद्रशेखरन की लीडरशिप में काम किया.
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हो सकती हैं उत्तराधिकारी
टाटा ग्रुप के साथ इतने समय से जुड़ने के बाद माया टाटा को बिजनेस की काफी समझ आ चुकी है. इसके साथ ही उन्होंने रतन टाटा से बिजनेस की स्किल्स भी सीखी हैं. ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. बता दें फिलहाल टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखर हैं. लेकिन निधन से पहले तक टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ही थे. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की थी. अब माया टाटा को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
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