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निपाह वायरस का केरल में कहर...जानिए सबसे पहले इसी राज्य में क्यों आती हैं वायरस वाली बीमारियां
जब देश के शिक्षित राज्यों की बात आती है तो केरल उसमें शामिल रहता है. यहां साक्षरता दर 94 फीसदी है. यहां के हर परिवार में आपको एक ना एक सदस्य ऐसा मिल जाएगा जो देश से बाहर काम करता है.
![निपाह वायरस का केरल में कहर...जानिए सबसे पहले इसी राज्य में क्यों आती हैं वायरस वाली बीमारियां Nipah virus wreaks havoc in Kerala Know why viral diseases first come to this state निपाह वायरस का केरल में कहर...जानिए सबसे पहले इसी राज्य में क्यों आती हैं वायरस वाली बीमारियां](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/14/6a589a1142f0c04814c19fbc244bda4b1694694026889617_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
केरल में अब तक 5 निपाह वायरस के मामलों की पुष्टि हो चुकी है. जबकि 700 से ज्यादा मरीज उच्च जोखिम वाली श्रेणी में है. कोरोना की तरह ये वायरस भी इंसानों की जान ले रहा है. सबसे बड़ी बात कि ये इंसानों के बीच तेजी से फैलता है, यही वजह है कि लोग डरे हुए हैं. लेकिन इसी के साथ एक सवाल सोशल मीडिया पर उठ रहा है कि आखिर ज्यादातर वायरस के मामले केरल से ही क्यों शुरू होते हैं.
बात सिर्फ निपाह या कोरोना की नहीं है, इन्फ्लुएंजा, हेपेटाइटिस बी, रेस्पायरेटरी सिन्सायशीयल वायरस, क्यासानुर फॉरेस्ट डिसीज़ वायरस, कॉक्ससेकी वायरस टाइप B3, मीसेल्स वायरस, हेपेटाइटिस ए वायरस, ज़ीका वायरस, डेंगू वायरस, लेप्टोस्पायरोसिस, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया वायरस, वेस्ट नाइल वायरस, जापानीज़ एन्सेफालिटिस और ह्युमन एडिनोवायरस ने भी केरल में कहर मचाया है.
केरल और वायरस वाली बीमारियां
जब देश के शिक्षित राज्यों की बात आती है तो केरल उसमें शामिल रहता है. यहां साक्षरता दर 94 फीसदी है. यहां के हर परिवार में आपको एक ना एक सदस्य ऐसा मिल जाएगा जो देश से बाहर काम करता है. यही वजह है कि इस राज्य में ज्यादातर वायरस वाली बीमारियां पाई जाती हैं. दरअसल, जिस राज्य या शहर में ज्यादातर लोग विदेशों में रहते हैं, वहां इस तरह के बाहरी वायरस की पहुंच बढ़ जाती है. केरल में भी जितने वायरस के मामले मिलते हैं, उनमें ज्यादातर का मूल विदेश से आया हुआ कोई शख्स होता है.
दूसरे राज्यों पर इसका असर?
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि केरल सबसे साक्षर राज्य है, इसलिए वहां के लोग जागरुक हैं. ये सच है कि ज्यादातर वायरस वाले मामले पहली बार केरल में मिलते हैं, लेकिन ये भी सच है कि वहां के लोग उस वायरस को उतना फैलने नहीं देते. वहीं वही वायरस जब दूसरे राज्यों में पहुंचता है तो तबाही मचा देता है. खासतौर से उत्तर भारत के राज्य इस तरह के वायरस की मार ज्यादा झेलते हैं. कोरोना महामारी में हम इसकी बानगी देख चुके हैं.
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