गौरी-गजनवी से लेकर अब्दाली तक... विदेशी हमलावरों के नाम पर ही मिसाइलों के नाम क्यों रखता है पाकिस्तान?
India Pakistan News: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आखिर पाकिस्तान अपनी मिसाइलों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर क्यों रखता है.

India Pakistan News: पहलगाम हमले के बाद बॉर्डर पर बहुत तनाव की स्थिति बनी हुई है. भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिए जाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है और बीती रात उसने भारत में कई जगह ड्रोन हमले किए. भारत की ओर से उसे इस नापाक हरकत का माकूल जवाब दे दिया गया है. इसके अलावा पाकिस्तान ने LOC पर कई बार संघर्ष विराम का उल्लंघन भी किया है. भारतीय सेना पाक की सभी हरकतों का उसे मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं.
पाकिस्तान कभी अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आता है. यहां तक कि अफगानिस्तान और तुर्की से आए विदेशी आक्रांताओं ने भारत की धरती पर खून की नदियां बहाईं, मंदिर तोड़े और कत्लेआम मचाया, आज पाकिस्तान उन्हीं के नाम पर अपनी मिसाइलों के नाम रखता है. चलिए जानें कि आखिर पाकिस्तान ऐसा क्यों करता है.
पाकिस्तान ने विदेशी आक्रांताओं के नाम पर क्यों रखे मिसाइल के नाम
पाकिस्तान अफगान, तुर्की, उजबेक मूल के हमलावरों, लुटेरों, दुष्कर्मियों और हत्यारों पर न सिर्फ गर्व करता है, बल्कि उन्हीं को वह अपना प्रेरणास्रोत मानता है. इन हमलावरों ने भारत में उसी रास्ते से घुसकर हमला किया है, जहां आज पाकिस्तान है. तो जाहिर है कि उन सब आक्रांताओं ने पाकिस्तान के इलाके में भी जमकर लूटपाट और कत्लेआम मचाया होगा, लेकिन पाकिस्तान को इन सब चीजों से कोई लेना-देना नहीं है. पाकिस्तान ऐसी विचित्र मानसिकता से ग्रस्त है कि है कि वह उनके लोगों पर हमला करना, गुलाम बनाना और कत्ल करने वालों को ही अपना सगा मानता है. शायद यही वजह है कि वो हमलावरों के नाम पर अपनी मिसाइलों और युद्ध विमानों के नाम रखता है.
इन आक्रांताओं ने खंडहर में बदल दिए थे भारत के इलाके
गौरी, गजनवी, अब्दाली, बाबर ये सभी वो विदेशी आक्रांता हैं, जिन्होंने भारत में जमकर खून बहाया था. ऐसे में बस पाकिस्तान सिर्फ यही संदेश देना चाहता है कि अतीत में जिन लुटेरों ने कायरना हरकत की, उसकी मंशा भी वही है. अहमद शाह अब्दाली की ही बात कर लें तो ये वो अफगानी लुटेरा था, जिसने 18वीं सदी में कई बार भारत पर हमला किया और लाखों लोगों की हत्या कर दी. उसने दिल्ली, काशी, मथुरा, कुरुक्षेत्र जैसे शहरों को खंडहरों में बदल दिया था. तो बस पाकिस्तान के द्वारा मिसाइलों के ये नाम देने के पीछे की वजह भी यही है.
गौशवशाली विरासत के आधार पर मिसाइलों के नाम चुनता है भारत
पाकिस्तान जहां मिसाइलों के नाम लुटेरों के नाम पर रखने से गर्व करता है, तो वहीं भारत अपने गौरवशाली विरासत के आधार पर मिसाइलों और लड़ाकू जहाजों का नाम देता है. भारत की मिसाइलों के नाम संस्कृति, विज्ञान और तत्वों से लिए गए हैं, जैसे नाग, त्रिशूल, ब्रह्मोस, पृथ्वी, अग्नि. भारत ने कभी भी मिसाइलों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर नहीं रखे हैं और न ही कभी उनको नायक बनाने की कोशिश की है. लेकिन पाकिस्तान हमेशा मुस्लिम आक्रांताओं को ही अपना नायक मानता है. पाकिस्तान भले ही इन नामों को देकर खुद पर गर्व कर रहा हो, लेकिन सच्चाई यही है कि ये उसके विचारों की कमजोरी और इतिहास के प्रति आत्महीनता का सबूत है.
यह भी पढ़ें: कितना ताकतवर है PAK एयरफोर्स का AWACS एयर डिफेंस सिस्टम, भारत ने इसे कैसे कर दिया तबाह?
Source: IOCL





















