टीम में जो खिलाड़ी पानी पिलाता है, उसे कितनी मिलती है मैच फीस?
Water Boy Salary In Cricket: क्रिकेट में वॉटर बॉय खिलाड़ी सिर्फ नाम के लिए नहीं होता है. वह टीम का उतना ही अहम हिस्सा है जितना बाकी 11 खिलाड़ी होते हैं. चलिए इस खिलाड़ी की सैलरी जान लेते हैं.

क्रिकेट मैच के दौरान आपने कई बार देखा होगा कि जब कोई खिलाड़ी थक जाता है या ओवर खत्म होता है, तो मैदान पर एक खिलाड़ी पानी की बोतल लेकर दौड़ता हुआ आता है. लोग अक्सर मजाक में कहते हैं कि ये वॉटर बॉय खिलाड़ी तो बस घूमने आया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खिलाड़ी को भी मोटी रकम मिलती है? जी हां, क्रिकेट टीम में पानी लेकर मैदान में उतरने वाले 12वें खिलाड़ी को भी शानदार सैलरी और भत्ते दिए जाते हैं. चलिए जानें.
टीम में 12वें खिलाड़ी की अहम भूमिका
हर मैच में 11 खिलाड़ी मैदान पर उतरते हैं, जबकि 12वां खिलाड़ी रिजर्व रहता है. लेकिन यह सिर्फ पानी पिलाने तक सीमित नहीं है. 12वां खिलाड़ी मैच के दौरान टीम की जरूरत के मुताबिक कई जिम्मेदारियां निभाता है, जैसे खिलाड़ियों तक ड्रिंक, गियर या संदेश पहुंचाना, किसी को चोट लगने पर फील्डिंग करना और अचानक किसी खिलाड़ी को बदलने की स्थिति में तैयार रहना. यानी, वह हमेशा एक्टिव रहता है और टीम का अहम हिस्सा होता है.
BCCI के नियमों के अनुसार फीस
अगर हम भारतीय क्रिकेट टीम की बात करें, तो जो खिलाड़ी बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट में शामिल होते हैं, उन्हें तीन कैटेगरी में बांटा गया है- A+, A और B ग्रेड. टेस्ट मैच की फीस होती है 15 लाख रुपये, वनडे की 6 लाख रुपये और T20 की 3 लाख रुपये होती है.
लेकिन जो खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में नहीं होता, यानी जो मैदान पर नहीं उतरता, उसे ये मैच फीस नहीं दी जाती है. इसके बदले में उसे Tour Allowance और Daily Allowance के रूप में भुगतान किया जाता है. बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक, यह भत्ता लगभग 30,000 से 50,000 रुपये प्रतिदिन हो सकता है. साथ ही ट्रैवल, होटल और मेडिकल खर्च भी बोर्ड उठाता है.
IPL में कैसे होता है पेमेंट
आईपीएल में खिलाड़ियों का भुगतान उनके कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से होता है. चाहे खिलाड़ी खेले या न खेले, उसे पूरी सीजन की तय सैलरी मिलती है. उदाहरण के लिए, अगर किसी खिलाड़ी का IPL कॉन्ट्रैक्ट 5 करोड़ रुपये का है और वह पूरे सीजन बेंच पर बैठा रहता है, तब भी उसे वही रकम मिलेगी.
घरेलू क्रिकेट में भी मिलती है कमाई
रणजी ट्रॉफी या विजय हजारे ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट में 12वें खिलाड़ी को भी भुगतान किया जाता है. औसतन, उसे प्रति दिन 25,000 से 35,000 रुपये तक का भत्ता और यात्रा खर्च दिया जाता है. यानी, यहां भी पानी पिलाने वाला खिलाड़ी मुफ्त में मैदान पर नहीं दौड़ता है, उसे इसके पैसे मिलते हैं.
यह भी पढ़ें: Richest Person In Siwan: ये 5 लोग हैं सिवान में सबसे रईस, जानें इनके पास कितनी अकूत दौलत?
Source: IOCL























