(Source: ECI | ABP NEWS)
पहले नेपाल, फिर फ्रांस और अब लंदन, जानें किस देश में क्यों हो रहे प्रदर्शन?
Protests In Nepal, France And London: अलग-अलग देश की सड़कों पर लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं. नेपाल से लेकर फ्रांस और लंदन तक जनता गुस्से में हैं. जान लीजिए क्या है इसके पीछे वजहें.

Protests In Nepal, France And London: इन दिनों दुनिया के कई देशों में अलग-अलग कारणों से विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. हाल ही में नेपाल में माहौल तब बिगड़ा जब सड़कों पर जनता ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई. गुस्सा इतना बढ़ा कि आखिरकार पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. यही हाल फ्रांस में भी है.
जहां लोग महीनों से सड़कों पर उतर रहे हैं. लाखों की भीड़ लगातार सरकार पर दबाव बना रही है. इसी कड़ी में लंदन में भी प्रदर्शन शुरू हुए हैं. यहां की जनता भी सरकार से खासी नाराज़ है. अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल यह आ रहा है कि आखिर जनता को बार-बार सड़कों पर उतरने की नौबत क्यों आ रही है. किस वजह से इन देशों में हो रहे हैं प्रदर्शन.
नेपाल और फ्रांस में किस वजह से भड़का गुस्सा?
नेपाल में हाल ही में हुए प्रदर्शनों ने पूरे राजनीतिक माहौल को बदल दिया. जनता ने सरकार पर भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी का आरोप लगाया. इस आग में घी डाला सोशल मीडिया बैन ने विरोध इतना तेज हुआ कि सत्ता पर पकड़ रखने वाले केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी. वहीं अगर फ्रांस की बात की जाए तो वहां पर हालात कुछ अलग हैं. वहां लोग सरकार के पेंशन सुधारों और लगातार बढ़ती महंगाई से परेशान हैं.
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लाखों लोग सड़कों पर उतरकर सरकार को अपना विरोध जता रहे हैं. फ्रांस में यह प्रदर्शन लंबे समय से चल रहे हैं और इससे सरकार की छवि पर गहरा असर पड़ा है. इन दोनों ही देशों में जनता ने यह साफ संदेश दिया कि जब नीतियां जनता की अपेक्षाओं से मेल नहीं खातीं. तो जनता चुप नहीं बैठती.
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लंदन में क्यों हो रहा है प्रदर्शन?
लंदन की सड़कों पर भी इन दिनों लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां का मुद्दा थोड़ा अलग है. जनता सरकार से बेहतर नौकरी के अवसर, सही वेतन और जीवन स्तर में सुधार की मांग कर रही है. खासतौर पर युवाओं और मजदूर वर्ग में असंतोष ज्यादा है. महंगाई और खर्च बढ़ने से लोगों को अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.
यही कारण है कि लोग सड़कों पर उतरकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं. यूनियनों और सामाजिक संगठनों का भी इन प्रदर्शनों को बड़ा समर्थन मिल रहा है. और सिर्फ लंदन ही नहीं बल्कि यूके के और भी शहरों की जनता की मांग है कि सरकार तुरंत कदम उठाए. वरना स्थिति और भी खराब हो सकती है
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