कभी गरीबी के चक्कर में 30 फीसदी आबादी कर गई थी पलायन, फिर एक झटके में अमीर कैसे हो गया कतर?
कभी कतर इतना गरीब था कि यहां से 30% आबादी पलायन कर गई. लेकिन तेल और गैस की खोज ने इसकी किस्मत पलट दी. आज कतर दुनिया के सबसे अमीर देशों में शामिल है, जहां नागरिकों को कई सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं.

मिडिल ईस्ट का छोटा सा देश कतर आज दुनिया के सबसे अमीर मुल्कों में गिना जाता है. महज 12,000 वर्ग किलोमीटर में फैले इस देश की आबादी करीब 28 लाख है. जिसमें भी 90 फीसदी प्रवासी है. लेकिन कभी यही कतर इतना गरीब था कि यहां के लोग पलायन कर रहे थे. हालात ऐसे थे कि 1930 से 40 के दशक में देश की 30 फ़ीसदी आबादी यहां से निकल गई थी और मुश्किल से 24 से 25 हजार लोग ही कतर में बचे थे. अब सवाल यह उठता है कि जिस देश में खाने पीने तक के लाले पड़ रहे थे,वह अचानक से दुनिया के सबसे अमीर मुल्कों की कतार में कैसे खड़ा हो गया.
तेल ने पलटी थी कतर की किस्मत
कतर के लिए 1939 का साल टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ था. इस साल में कतर की राजधानी दोहा से करीब 80 किलोमीटर दूर दुखान इलाके में पहला तेल का कुआं खोजा गया था. ठीक उसी समय दुनिया दूसरे विश्व युद्ध की तैयारी में भी थी और कतर ने इसका पूरा फायदा उठाया. तेल निर्यात से कतर की तिजोरी भरने लगी और धीरे-धीरे देश की किस्मत बदलने लगी. तेल के कुएं से किस्मत बदलने के साथ ही 1971 में कतर को दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार मिला. इस खोज ने कतर की अर्थव्यवस्था को रॉकेट की तरह ऊपर पहुंचा दिया. रूस और ईरान जैसे देशों के मुकाबले कतर गैस निर्यात का बड़ा खिलाड़ी बन गया. आज कतर तेल और गैस दोनों का सबसे बड़ा सप्लायर है.
पलायन करने वाले भी लोटे और प्रवासी भी पहुंचे
जब कतर में पैसे की बरसात शुरू हुई तो कतर छोड़कर गए लोग वापस लौट आए. इसके साथ ही काम की तलाश में दूसरे देशों से भी बड़ी तादाद में प्रवासी यहां पहुंचने लगे. 1970 आते-आते कतर की जीडीपी 30 करोड अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई थी. वहीं तेल-गैस की कमाई का फायदा कतर ने अपने नागरिकों को भी दिया. यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सेवाएं बिल्कुल मुफ्त है. आयकर का भी कोई प्रावधान नहीं है और हर नागरिक को नौकरी का अधिकार दिया गया है. यही वजह है कि आज यहां का हर तीसरा व्यक्ति करोड़पति माना जाता है.
कतर की शाही ठाठ और अंतरराष्ट्रीय साख
आज कतर दुनिया के सबसे अमीर और सुरक्षित देश में शुमार है. दोहा की ऊंची-ऊंची इमारतें, आलीशान मॉल और शाही ठाठ किसी को भी हैरान कर देते हैं. यही नहीं कतर अंतरराष्ट्रीय राजनीति का भी बड़ा केंद्र बन चुका है. यहां अमेरिका और तालिबान तक बातचीत की टेबल पर बैठ चुके हैं.
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