क्या चीन के पास हैं राफेल को टक्कर देने वाले फाइटर जेट? ये रहा जवाब
China J 20 vs Rafale: भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच यह जान लेते हैं कि जैसे भारत के पास राफेल है, उसी तरीके से चीन के पास कौन सा फाइटर जेट है. क्या वह राफेल की बराबरी कर सकता है या नहीं.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम सीमा पर है. पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के भारत हवा में ही राख कर दे रहा है, जिससे पाकिस्तानी सेना बौखलाई हुई है. भारत के साथ चल रही इस जंग में पाकिस्तान ने सारे चीनी हथियार का इस्तेमाल किया है, जिनकी हवा में ही हवा निकल गई है. पाकिस्तान की ओर से ऐसा दावा किया गया है कि उन्होंने चीन के बनाए जे-10 सी विमानों की मदद से भारत के राफेल और सुखोई विमान पर हमला किया है. चीन के पास J-20 नाम से एक फाइटर जेट है, जिसकी नुमाइश वह गाहे-बगाहे करता रहता है. चलिए जानें कि राफेल की तुलना में J-20 कितना प्रभावशाली है.
J-20 की खूबी
चीन ने फाइटर जेट J-20 को भारत से सटे इलाके में तैनात करके रखा है. यह फाइटर जेट चीन का पांचवीं पीढ़ी का सबसे उन्नत स्टील्थ फाइटर जेट्स में से एक है. भारत के पास इसका मुकाबला करने के लिए फ्रांस का फाइटर जेट राफेल है. कुछ विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि J-20 की डिजाइन अमेरिकी F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II से प्रेरित है. जे-20 में उन्नत एईएसए रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम है. इसके जरिए यह लंबी दूरी के टागरेट का पता लगाकर हमला करने की क्षमता रखता है. इसकी लंबाई लगभग 20 मीटर और इसकी रेंज करीब 2700 से 3000 किलोमीटर तक मानी जाती है. यह लंबी दूरी के मिशन के लिए परफेक्ट है.
राफेल की खासियत
राफेल को भारत की जरूरत के हिसाब से डिजाइन किया गया है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. यह 24,500 किलो तक का वजन ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भर सकता है. राफेल मिटिआर मिसाइलों से लैस है जो कि 120 किमी की दूरी तक एफ-16 जैसे विमान को तो एक झटके में मार सकता है. इसकी स्पीड 2223 किलोमीटर प्रति घंटा है. राफेल की लंबाई 15.30 मीटर है. यह अपने साथ एकसाथ चार मिसाइलों को लेकर उड़ सकता है और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए परफेक्ट है.
राफेल या J-20 किसमें कितना है दम
राफेल बिना टारगेट प्लेन को देखते ही उसे उड़ा सकता है और किसी भी मौसम में ऑपरेट किया जा सकता है. इसको कम से कम सतह के मिशन पर भी भेजा जा सकता है. राफेल एक बार में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसकी फ्यूल क्षमता 17,000 किग्रा है. राफेल को अफगानिस्तान, सीरिया, लीबिया, इराक, माली में कांबेट ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल में लाया जा चुका है, जबकि चीन के जे-20 ने अभी तक युद्ध नहीं देखा है. इसलिए चीन के सारे दावे हवा-हवाई ही हैं. हाल ही में भारत की फ्रांस के साथ 26 राफेल-एम फाइटर जेट को लेकर डील भी पक्की हुई है. इसमें भारत फ्रांस से 22 सिंगल सीटर और चार डबल सीटर फाइटर जेट खरीदेगा. ये जेट्स शॉर्ट टेकऑफ के लिए सक्षम हैं.
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