IED से कितना खतरनाक होता है RDX, जानें किसके ब्लास्ट में होता है ज्यादा नुकसान?
How Dangerous Is RDX: IED तब ही मौत का हथियार बनता है जब उसके अंदर RDX की सांसें भर दी जाती हैं. तब धमाके की गूंज सिर्फ दीवारों तक नहीं, बल्कि इंसानियत की नींव तक पहुंच जाती है.

दिल्ली में बीते दिन लाल किले के पास मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास जोरदार धमाके से राजधानी में दहशत फैल गई. यह ब्लास्ट रेड लाइट पर रुकी हुई कार ह्यूंडई i20 में हुआ. इसकी चपेट में आसपास में मौजूद गाड़ियां भी आ गईं, जिसमें अब तक करीब 9 लोगों की मौतें बताई जा रही हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसमें अमोनियम नाइट्रेट जैसे उच्च क्षमता वाले विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ है. हालांकि पहले इसे आरडीएक्स बताया जा रहा था. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर IED से RDX कितना खतरनाक होता है और किसके ब्लास्ट में ज्यादा नुकसान होता है. चलिए जानें.
सबसे खतरनाक बमों में से एक
जरा सोचिए, एक छोटी सी डिब्बी में भरा पाउडर पलभर में पूरे इलाके को तबाह कर दे, सायरन बज उठें, और धूल-धुआं सबकुछ निगल ले, यही है RDX की असली ताकत. ये कोई आम विस्फोटक नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे खतरनाक बमों में से एक का दिल होता है. जब IED यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस में RDX का इस्तेमाल होता है, तब धमाका सिर्फ आवाज नहीं, तबाही का सबूत बन जाता है.
कितना खतरनाक है RDX
RDX का पूरा नाम Research Department Explosive या Royal Demolition Explosive है. यह दुनिया के सबसे खतरनाक विस्फोटकों में गिना जाता है. इसे सबसे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में विकसित किया गया था. इसकी खासियत यह है कि थोड़ी सी मात्रा भी इतना जबरदस्त धमाका करती है कि पूरा इलाका हिल जाता है. आज RDX का इस्तेमाल न केवल सेना करती है बल्कि आतंकवादी संगठन भी इसे अपने IED बमों में भरकर तबाही फैलाने का हथियार बनाते हैं.
IED कितना खतरनाक
IED यानी Improvised Explosive Device, एक तरह का देसी बम होता है, जिसे आमतौर पर लोहे की पाइप, प्रेशर कुकर या किसी कंटेनर में बनाया जाता है. इसके अंदर विस्फोटक पदार्थ जैसे RDX, TNT या Ammonium Nitrate भरा जाता है. RDX इन सभी में सबसे शक्तिशाली होता है, क्योंकि इसकी विस्फोटक क्षमता लगभग 1.5 गुना ज्यादा होती है. यानी अगर TNT किसी जगह को 10 मीटर तक नुकसान पहुंचाता है, तो वही RDX 15 मीटर तक का इलाका तबाह कर सकता है.
RDX की ताकत
RDX की सबसे बड़ी खतरनाक बात यह है कि यह स्थिर होने के बावजूद, एक बार सक्रिय होने पर इसे रोकना लगभग नामुमकिन होता है. थोड़ी सी चिंगारी, मोबाइल ट्रिगर, टाइमर या रिमोट सिग्नल भी इसे ब्लास्ट कर सकता है. यही वजह है कि IED में जब RDX मिलाया जाता है, तो उसका असर कई गुना बढ़ जाता है.
कैसे IED की मारक क्षमता को बढ़ा देता है RDX
सामान्य IED की बात करें, तो उसमें इस्तेमाल होने वाला अमोनियम नाइट्रेट या जेलटिन स्टिक सीमित नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन जैसे ही उसमें RDX मिलाया जाता है, उसकी तीव्रता और मारक क्षमता बढ़ जाती है. एक RDX ब्लास्ट से निकलने वाली शॉकवेव आसपास की इमारतों की दीवारों को चकनाचूर कर सकती है, वाहनों को उलट सकती है और एक किलोमीटर तक कंपन फैला सकती है.
सेना और सुरक्षा एजेंसियां RDX को केवल नियंत्रित परिस्थितियों में इस्तेमाल करती हैं, जैसे पुल उड़ाने या बंकर ध्वस्त करने में. जबकि आतंकवादी समूह इसे विनाश के लिए प्रयोग करते हैं. दोनों ही स्थितियों में फर्क बस इतना होता है कि एक का उद्देश्य सुरक्षा है, दूसरे का विनाश.
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Source: IOCL























