दिल्ली में भी BJP सरकार, क्या सीएम रेखा गुप्ता को भी LG को भेजनी होगी हर फाइल?
दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण किया है. जिसके बाद अब केंद्र और दिल्ली दोनों जगह बीजेपी की सरकार है. जानिए क्या अभी भी उपराज्यपाल के पास ही भेजनी होंगी सभी फाइले? जानिए नियम

केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद आज यानी 20 फरवरी को दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण किया है. दिल्ली की सीएम बनने के बाद से ही रेखा गुप्ता को हर जगह से बधाई संदेश पहुंच रहे हैं. लेकिन अब ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या अब बीजेपी सरकार को भी अपने सभी बड़े फैसलों की फाइल उपराज्यपाल के पास भेजनी होगी. आज हम आपको इससे जुड़े नियम के बारे में बताएंगे.
दिल्ली में बीजेपी की सरकार
दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी की जोरदार वापसी हुई है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं आप को सिर्फ 22 सीट ही मिले हैं. इसके अलावा कांग्रेस समेत किसी अन्य दल का तो खाता भी नहीं खुला है. अब सवाल ये है कि जब दिल्ली में बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाई है, तो क्या अभी भी सभी बड़े फैसलों के लिए उपराज्यपाल की सहमति जरूरी होगी. आज हम आपको इससे जुड़े नियम के बारे में बताएंगे.
एलजी के पास से पास होंगी फाइल?
अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी की सरकार को भी सभी बड़े फैसलों के लिए एलजी की सहमति की जरूरत होगी? इसका जवाब है हां. क्योंकि केंद्रशासित प्रदेश के उपराज्यपाल को कई तरह की शक्तियां मिली हुई हैं. इन शक्तियों के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली विधानसभा के सत्र को बुलाने, विधानसभा का विघटन और स्थगन करने का अधिकार है. इसके अलावा किसी भी मुद्दे पर राज्य विधानसभा को संदेश भेजने का अधिकार है. इतना ही नहीं विधान सभा में कई मुद्दों से जुड़े बिल को उपराज्यपाल की सहमती के बिना पेश नही किया जा सकता है. इसके अलावा भी उपराज्यपाल के पास बहुत शक्तियां हैं, जिसका इस्तेमाल वो कर सकते है.
बीजेपी के लिए नहीं है कोई अलग नियम
आप आसान भाषा में ऐसे समझिए कि दिल्ली में किसी भी पार्टी की सरकार बनती है, तो उसे सभी नियमों को फॉलो करना ही होगा, किसी भी पार्टी के लिए कोई अलग कानून नहीं होता है. हां ये जरूर है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और अब दिल्ली में भी सरकार बन गई है, तो कई जरूरी मुद्दों और बिल को पास कराना आसान होगा. क्योंकि दिल्ली में बीजेपी बहुमत में है और राष्ट्रपति ही उपराज्यपाल की नियुक्ति करती हैं, तो आसान भाषा में आप समझिए कि केंद्र और दिल्ली दोनों जगह बीजेपी की सरकार है.
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