Budget 2026: कौन तैयार करता है देश का बजट तैयार, जानें क्या होती है प्रकिया?
Budget 2026: हर साल फरवरी में केंद्रीय बजट पेश किया जाता है. इसी बीच आइए जानते हैं कि देश का बजट आखिर कौन तैयार करता है और इसकी क्या प्रक्रिया होती है.

Budget 2026: केंद्रीय बजट 2026-27 को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. संसदीय परंपरा के मुताबिक 2017 से हर साल 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाता रहा है. 2026 में 1 फरवरी रविवार को पड़ रहा है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इसके बावजूद भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन बजट पेश कर सकती है. इसी बीच एक सवाल उठ रहा है कि देश का बजट असल में कौन तैयार करता है और इसकी प्रक्रिया क्या होती है. आइए जानते हैं.
भारत का बजट कौन सा विभाग तैयार करता है?
केंद्रीय बजट का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से आर्थिक मामलों के विभाग की है. यह विभाग वित्त मंत्रालय के तहत काम करते हैं. वैसे तो यह विभाग केंद्रीय भूमिका निभाता है लेकिन यह प्रक्रिया काफी ज्यादा सहयोगात्मक है. नीति आयोग और विभिन्न प्रशासनिक मंत्रालयों जैसे संस्थान डेटा, अनुमान और नीतिगत इनपुट देते हैं.
बजट की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है
औपचारिक बजट बनाने की प्रक्रिया सितंबर अक्टूबर के आसपास शुरू होती है. वित्त मंत्रालय सभी केंद्रीय मंत्रालय, विभागों और यहां तक की राज्य सरकारों को एक सर्कुलर जारी करता है. इसमें उनसे आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए खर्च का अनुमान और वित्तीय जरूरतों को जमा करने के लिए कहा जाता है. ये अनुमान बजट ढांचे की नींव बनाते हैं.
जांच और बजट पूर्व परामर्श
प्रस्ताव मिलने के बाद वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उनकी सावधानीपूर्वक समीक्षा करते हैं. इसके बाद वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक परामर्श होता है. इस बैठक में बैंकिंग, उद्योग, कृषि, ट्रेड यूनियन और अर्थशास्त्री को आमंत्रित किया जाता है.
अंतिम आवंटन और प्रधानमंत्री की मंजूरी
परामर्श के बाद वित्त मंत्रालय राजस्व अनुमान, खर्च की सीमा और हर विभाग के लिए आवंटन को अंतिम रूप देता है. यह फैसले राजकोषीय अनुशासन, आर्थिक प्राथमिकता और विकास के लक्ष्यों से तय होते हैं. अंतिम हिस्से में प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की जाती है.
हलवा समारोह और बजट की गोपनीयता
बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले नॉर्थ ब्लॉक में एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है. यह बजट बनाने के आखिरी और सबसे सीक्रेट फेज की शुरुआत है. इसके बाद बजट बनाने और प्रिंट करने में शामिल अधिकारियों का बाहरी दुनिया से संपर्क खत्म कर दिया जाता है.
इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत वित्त मंत्री लोकसभा में केंद्रीय बजट को पेश करते हैं. सरकार संसद की मंजूरी के बिना भारत के कंसोलिडेटेड फंड से पैसा नहीं निकाल सकती. इस वजह से यह प्रस्तुति संवैधानिक रूप से काफी जरूरी हो जाती है. जैसे ही संसद से मंजूरी मिल जाती है नए वित्त वर्ष के लिए सरकारी खर्च कानूनी रूप से शुरू हो जाता है.
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Source: IOCL
























