महाराष्ट्र चुनाव: 2014 में शिवसेना के बिना बीजेपी ने हासिल की थी सत्ता की चाबी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन नहीं हो पाया था. सीटों पर सहमति नहीं बनने के चलते कांग्रेस-एनसीपी ने भी 2014 का विधानसभा चुनाव अलग होकर लड़ा था.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का एलान होने में कुछ ही समय बचा है. राज्य विधानसभा चुनाव में एनडीए और यूपीए के बीच सीधी टक्कर है. हालांकि 2014 में यह तस्वीर पूरी तरह से अलग थी क्योंकि राज्य की चारों मुख्य पार्टियों बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था. लेकिन नतीजों के बाद शिवसेना बीजेपी सरकार में शामिल हो गई. वहीं एनसीपी ने भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के साथ दोबारा गठबंधन कर लिया.
2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए 15 साल बाद कांग्रेस-एनसीपी को सत्ता से बेदखल किया था. इसके साथ ही बीजेपी पहली बार ना सिर्फ 100 का आंकड़ा पार करने में कामयाब हुई थी, बल्कि 122 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भी बनी थी. 2014 में बीजेपी को 288 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 122 सीटों पर जीत मिली थी. शिवसेना 63 सीटें जीतकर राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन नतीजे आने के कुछ वक्त बाद ही शिवसेना बीजेपी सरकार में शामिल हो गई.
लगातार तीन बार राज्य की सत्ता में काबिज होने के बाद 2014 में कांग्रेस-एनसीपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस 42 सीटें जीतकर तीसरे और एनसीपी 41 सीटें जीतकर चौथे नंबर पर रही थी. राज ठाकरे की मनसे को 2014 में तगड़ा झटका लगा था और उनकी पार्टी सिर्फ एक सीट ही जीत पाई थी. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 2014 के विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. वंचित बहुजन अघाड़ी 3 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई थी. 2014 में 7 निर्दलीय उम्मीदवार विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए थे. जबकि 7 सीटें अन्य पार्टियों के खाते में गई थी.
बीजेपी थी सबसे आगे
वोट शेयर के मामले में भी बीजेपी दूसरी पार्टियों से कहीं ज्यादा आगे रही. बीजेपी को 2014 में 27.8 फीसदी वोट मिले थे. शिवसेना 19.3 फीसदी वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही थी. कांग्रेस 18 फीसदी वोट के साथ तीसरे और एनसीपी 17 फीसदी वोट के साथ चौथे पायदान पर थी. राज ठाकरे की मनसे को 3.7 फीसदी वोट मिले थे. निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में भी करीब 4 फीसदी वोट गए थे.

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Source: IOCL