Punjab: लापता गुरु ग्रंथ साहिब के 328 सरूप पर धर्मगुरुओं का अल्टीमेटम, सरकार को दखल बंद करने की चेतावनी
Punjab News: गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पवित्र सरूप लापता होने के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सिख धर्मगुरुओं ने AAP सरकार को चेताया है. धर्मगुरुओं ने परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी.

पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पवित्र ‘सरूपों’ के लापता होने के मामले में एफआईआर दर्ज होने के कुछ ही दिनों बाद रविवार (28 दिसंबर) को सिख धर्मगुरुओं और राज्य सरकार के बीच टकराव के सुर तेज हो गए हैं. सिख धर्मगुरुओं ने आम आदमी पार्टी सरकार से सिखों के आंतरिक धार्मिक मामलों में दखल बंद करने को कहा और साफ चेतावनी दी कि आगे की कार्रवाई ‘पंथिक’ परंपराओं के अनुसार की जाएगी.
सिंह साहिबानों की अहम बैठक
पांच सिंह साहिबान, यानी सिखों के पांच पवित्र तख्तों के प्रमुखों ने अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में लापता सरूपों का मुद्दा, सिख विषयों पर फिल्में बनाए जाने और गुरुद्वारों के बाहर आनंद कारज (सिख विवाह) कराए जाने जैसे मामलों पर विस्तार से चर्चा हुई.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारों पर जोर
धर्मगुरुओं ने स्पष्ट कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिखों की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई पंथिक संस्था है. भारतीय संविधान के तहत कोई भी सरकार किसी धर्म के आंतरिक मामलों में सीधे या परोक्ष रूप से हस्तक्षेप नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के प्रशासनिक अधिकारों को चुनौती देना स्वीकार्य नहीं है.
एफआईआर पर कड़ी आपत्ति
बताया गया कि अमृतसर पुलिस ने 7 दिसंबर को वर्ष 2020 में सरूपों के लापता होने के मामले में एसजीपीसी के पूर्व सचिव समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसे लेकर सिख संगठनों में नाराजगी है. एसजीपीसी का कहना है कि यह कदम अकाल तख्त की सर्वोच्चता को चुनौती देने जैसा है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की दखलअंदाजी सही नहीं है.
सरकार को संदेश
धर्मगुरुओं ने आम आदमी पार्टी से दो टूक कहा कि यदि पंजाब की सरकार ने दखलअंदाजी बंद नहीं की तो पंथिक मर्यादा के अनुसार निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार से संयम बरतने और सिख परंपराओं का सम्मान करने की अपील की.
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