Lok sabha Election 2019: महराजगंज सीट से कांग्रेस ने तनुश्री त्रिपाठी को दिया झटका, सुप्रिया सिंह श्रीनेत को बनाया उम्मीदवार
बता दें कि इस बार देश में लोकसभा का चुनाव सात चरणों में होना है और यूपी में सातों ही चरण में वोट डाले जाएंगे. पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा जबकि सातवें और आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होगा. मतों की गिनती 23 मई को होगी.

गोरखपुरः कांग्रेस पार्टी ने नौतनवां से विधायक अमन मणि त्रिपाठी की बहन तनुश्री त्रिपाठी को बड़ा झटका दिया है. कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषित की गई लिस्ट में तनुश्री की जगह महराजगंज से कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे स्व. हर्षवर्धन सिंह की बेटी सुप्रिया सिंह श्रीनेत को टिकट दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. सुप्रिया एक अंग्रेजी टीवी चैनल में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत रहीं हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने आज लोकसभा चुनाव के लिए 12 और उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इसमें सात प्रत्याशी उड़ीसा, चार बिहार और एक उत्तर प्रदेश का घोषित किया गया है. इससे पहले गुरुवार रात को घोषित हुई सूची में कांग्रेस ने तनुश्री त्रिपाठी महराजगंज सीट से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया था. लेकिन अब उनका नाम आज अचानक हटा दिया गया.
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पूर्व मंत्री और मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री त्रिपाठी को दस दिन पूर्व शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया था. लेकिन, गुरुवार को उनके कांग्रेस के टिकट पर महराजगंज के चुनाव लड़ने की खबर पर मुहर लग गई. शुक्रवार की सुबह 11.30 बजे वे कांग्रेस के लखनऊ दफ्तर जाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन, इसी बीच कांग्रेस ने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी कर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी. Lok Sabha Election 2019: हमारी नजर उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव पर है- प्रियंका गांधी इस लिस्ट में महराजगंज से कांग्रेस के पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया सिंह श्रीनेत को टिकट दिया गया है. सुप्रिया एक अंग्रेजी टीवी चैनल में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत रहीं हैं. कांग्रेस की इस लिस्ट के जारी होने के बाद सियासी गलियारे में भी हलचल मचना तय है. वहीं एक सवाल ये भी पैदा होता है कि जब दस दिन पहले तनुश्री को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने टिकट दे दिया था, तो फिर गुरुवार को कांग्रेस से उन्हें टिकट कैसे दिया जा सकता है. यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने वाली तनुश्री नौतनवा से विधायक अमनमणि त्रिपाठी की बहन हैं. दस दिन पहले शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था. तुनश्री उस समय चर्चा में आईं थी, जब उन्होंने साल 2017 के लोकसभा चुनाव में भाई अमन मणि त्रिपाठी के चुनाव प्रचार में उतरीं थीं. पत्नी सारा सिंह की हत्या में जेल में बंद अमन मणि त्रिपाठी ने जब जेल से चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तो उनकी बहनें तनुश्री और अलंकृता ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली. भाजपा और मोदी लहर में जहां बड़े-बड़े दिग्गज धराशायी हो गए. तो वहीं अमन मणि त्रिपाठी ने निर्दल चुनाव जीतकर एक बार फिर अपने परिवार की साख को बरकरार कर दिया. Lok Sabha Election 2019: कन्नौज में सुब्रत पाठक के लिए माहौल बनाएंगे बीजेपी के स्टार प्रचारक, नामांकन में साथ रहेंगे सीएम योगी तनुश्री ने साल 2013 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के पहले दिल्ली विश्वविद्यालय से साल 2010 में इतिहास विषस से ऑनर्स किया है. उसके पहले उनकी प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल के सेंट मेरीव कांवेंट से हुई है. परिवार का राजनीतिक बैकग्राउण्ड होने के कारण शुरू से ही उन्हें राजनीति में दिलचस्पी रही है. खुले विचारों वाली तनुश्री बेबाक लोगों से बातचीत करना पसंद करती हैं. यही वजह है कि साल 2017 में भाई अमन मणि के चुनाव प्रचार के दौरान वे आम से लेकर खास तक सबसे मिलकर बातचीत करती नजर आईं. लोगों के विचारों अंतरराष्ट्रीय संबंध को जानने के लिए ही उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. तनुश्री ने बताया कि उन्हें थाई फूड खाना ज्यादा पसंद है. ट्रैवेलिंग भी उनका शौक है. 28 साल की तनुश्री का जन्म 11 जनवरी 1990 को हुआ. कुशीनगर: कांग्रेस ने आरपीएन सिंह, भाजपा ने विजय दूबे तो सपा-बसपा गठबंधन ने नथुनी कुशवाहा पर लगाया दांव दस दिन पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया था. लेकिन, तनुश्री ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया था. वे 11.30 बजे लखनऊ कांग्रेस दफ्तर जाने की तैयारी कर रही थीं. लेकिन, उसके पहले आई ये खबर उनके और उनके परिवार के लिए भी बड़ा झटका है. उन्हें अब ये विचार करना होगा कि किसी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी या फिर भाई अमन मणि त्रिपाठी की तरह ही निर्दल चुनावी रण में जीत का परचम लहराकर अपनी ताकत का एहसास कराएंगी. टॉप हेडलाइंस
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