Election 2023: विधानसभा चुनाव किस तरह लोकसभा चुनाव से होता है अलग, यहां जानिए हर बात
Election News: भारत संसदीय प्रणाली के तहत काम करता है जिसमें केंद्र सरकार व राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा है. केंद्र सरकार के लिए लोकसभा का चुनाव होता है जबकि राज्यों में विधानसभा चुनाव होते हैं.

Difference Between Lok sabha and Vidhan Sabha: देश में चुनाव का माहौल है. इस महीने जहां पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो वहीं अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होंगे. इसके बाद फिर से छह और राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे. इस तरह 2023 के बाद 2024 भी चुनावी रंग में रंगा नजर आएगा.
फिलहाल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले लोगों की नजर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है. इन सबके बीच लोगों के मन में एक सवाल अक्सर आता है कि आखिर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में क्या अंतर होता है? या फिर दोनों समान होते हैं? आज हम इस पर विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि आखिर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में क्या अंतर होता है.
ये हैं दोनों में अंतर
- लोकसभा भारत की संसद का निचला सदन है जो द्विसदनीय प्रकृति का है, जबकि विधान सभा भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधायी निकाय है.
- भारत के संविधान के अनुसार, लोकसभा को 552 सीटें आवंटित की गई हैं. वर्तमान में मई 2019 में चुनी गई 17वीं लोकसभा में 543 सीटें ही भरी गईं थीं. वहीं दूसरी ओर भारतीय संविधान कहता है कि किसी भी विधानसभा में कम से कम 60 सदस्य और अधिक से अधिक 500 सदस्य होने चाहिए. हालांकि एक अधिनियम के तहत कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 60 से कम सदस्यों वाला सदन है.
- भारतीय जनगणना के आधार पर हर एक दशक में भारत के सीमा परिसीमन आयोग की ओर से लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को फिर से तैयार करने की कवायद की जाती है. मौजूदा लोकसभा में सीटों का निर्धारण 2011 की जनगणना के आधार पर है.
- आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है. वहीं, राज्यों के मामले में आपातकाल की स्थिति में मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विधानसभा को भंग किया जा सकता है. राज्य का राज्यपाल सभा को भंग कर सकता है
- लोकसभा में पारित होने के बाद धन विधेयक 14 दिनों की बहस के लिए राज्यसभा में भेजे जाते हैं. ये बिल केवल लोकसभा में ही पेश किए जा सकते हैं. वहीं विधानसभा के पास धन विधेयक पेश करने का अधिकार है. इन विधेयकों को बाद में विधान परिषद को भेजा जाता है.
- लोकसभा चुनाव में भारत का कोई भी नागरिक किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकता है, जबकि विधानसभा में ऐसा नहीं है. विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के लिए उस राज्य की नागरिकता जरूरी होती है.
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