VIN Number on Vehicles: आपकी गाड़ी पर मौजूद ये कोड केवल नबंर नहीं, 'पूरी कुंडली है', जान लीजिये क्या-क्या राज खुल जाते हैं इससे?
विन नंबर हर तरह के वाहन के लिए जरुरी है. चाहे वह बाइक हो, कार हो, बस हो या ट्रक. सभी पर इस नंबर का होना कंपल्सरी है. इस नंबर के बिना किसी भी वाहन की बिक्री नहीं की जा सकती है.

Unique Number on Vehicles: सभी वाहन निर्माता कंपनियां अपनी गाड़ियों पर एक खास नंबर का प्रयोग करती हैं. जिसके जरिये किसी खास स्थिति में उस गाड़ी की पूरी डिटेल निकली जा सकती है. ये नंबर गाड़ी के किस हिस्से में होता है और इससे वाहन और वाहन मालिक से जुडी क्या-क्या जानकारी ली जा सकती है? हम आगे इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
विन नंबर
वाहन निर्माता कंपनी की तरफ से हर गाड़ी पर दिए जाने वाले इस नंबर को विन (Vehicle Identification Number) नंबर भी कहते हैं. ये नंबर हर गाड़ी पर अलग-अलग होता है और इसे वाहन की मैन्युफैक्चरिंग के समय ही प्रिंट कर दिया जाता है.
हर वाहन के अनिवार्य है ये नंबर
विन नंबर हर तरह के वाहन के लिए जरुरी है. चाहे वह बाइक हो, कार हो, बस हो या ट्रक. सभी पर इस नंबर का होना कंपल्सरी है. इस नंबर के बिना किसी भी वाहन की बिक्री नहीं की जा सकती है. यही वो नंबर होता है, जो रजिस्ट्रेशन के समय वाहन किस नाम से वाहन रजिस्टर्ड हो रहा है, इसकी जानकारी सरकार तक पहुंचती है.
क्या-क्या जानकारी होती है इसमें
इस खास नंबर में वाहन किस प्लांट में बना इसकी जानकारी से लेकर किसने बनाया, किस देश में बना, किस महाद्वीप में बना, किस साल में बना, किस महीने में बना, इस कार में कौनसा इंजन दिया गया है, जैसी उस गाड़ी से जुडी लगभग सभी गाड़ियां होती हैं.
क्यों दिया जाता है ये नंबर?
वैसे तो हर गाड़ी को आरटीओ विभाग की तरफ से एक नंबर दिया जाता है, जो नंबर प्लेट के रूप में उस पर मौजूद होता है. लेकिन चोरी, दुर्घटना या आग लगने जैसी स्थिति में जब गाड़ी पूरी तरह डैमेज हो जाती और वाहन की नंबर प्लेट से उसकी डिटेल निकालना मुश्किल हो जाता है. तब इस नंबर के जरिये ही उस वाहन की डिटेल प्राप्त की जाती है.
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