IRCTC अकाउंट हो सकता है बंद! तत्काल टिकट बुकिंग में रेलवे का नया नियम, वेरिफिकेशन जरूरी
रेलवे ने ऑनलाइन माध्यम से ऑटोमेटेड टूल का इस्तेमाल कर टिकट बुकिंग करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है, जिसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है.

अगर तत्काल टिकट बुक करने के लिए आप भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट इस्तेमाल करते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है. दरअसल, आपका आईआरसीटीसी अकाउंट बंद हो सकता है. बता दें कि ऑनलाइट टिकट बुकिंग में होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए रेलवे ने नया कदम उठाया है. इसके तहत सभी आईआरसीटीसी अकाउंट होल्डर्स को वैरिफिकेशन कराना होगा. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
ऐसा है एसी टिकटों की बुकिंग का पैटर्न
रेलवे में रोजाना करीब सवा दो लाख यात्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से तत्काल टिकट बुक करते हैं. 24 मई से 2 जून तक ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के पैटर्न की जांच की गई तो पता लगा कि एसी क्लास में कुल औसतन 108000 टिकटों में मात्र 5615 टिकट ही पहले मिनट में बुक हुए. विंडो ओपन होने के दूसरे मिनट में 22827 टिकट बुक हुए. वातानुकूलित क्लास का विंडो ओपन होने के पहले 10 मिनट में औसतन 67159 टिकट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बुक किए गए, जो ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बुक किए गए कुल टिकटों का 62.5% है.
वातानुकूलित क्लास का विंडो ओपन होने के पहले घंटे में 92861 टिकट बुक किए गए, जो वातानुकूलित श्रेणी में ऑनलाइन तरीके से बुक किए गए कुल टिकटों का 86% रहा. 4.7% टिकट विंडो ओपन होने से पहले घंटे से चौथे घंटे के बीच में बुक हुए, जबकि चौथे घंटे से 10वें घंटे के बीच में 6.2% टिकटों की बिक्री हुई. बाकी 3.01% टिकट विंडो ओपन होने के 10 घंटे के बाद बुक किए गए.
नॉन-एसी टिकट कितने होते हैं बुक?
गैर वातानुकूलित श्रेणी में 24 मई से 2 जून के बीच प्रतिदिन औसतन 118567 टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग हुई, जिसमें 4724 टिकट जो कि कुल टिकटों का 4% है, की बुकिंग पहले मिनट में ही हो गई. दूसरे मिनट में 20786 टिकट बिके, जो कुल टिकटों का 17.5% रहा. विंडो ओपन होने के पहले 10 मिनट में 66.4% टिकटों की बिक्री हुई. विंडो ओपन होने के पहले एक घंटे में 84.02% टिकटों की बिक्री हुई और बाकी टिकट अगले 10 घंटे में बुक हुए. इससे स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन सिस्टम पर तत्काल टिकट लोगों को मिल रहे हैं और विंडो ओपन होने के 8 से 10 घंटे बाद भी कुल टिकटों का लगभग 12% टिकट बुक किया गया.
क्या कदम उठा रहा रेलवे?
रेलवे ने ऑनलाइन माध्यम से ऑटोमेटेड टूल का इस्तेमाल कर टिकट बुकिंग करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है, जिसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है. रेलवे द्वारा विकसित किए गए विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से पिछले 6 महीने में 2.4 करोड़ से अधिक यूजर्स को डीएक्टिवेट करते हुए उन्हें ब्लॉक किया गया है. करीब 20 लाख दूसरे अकाउंट को भी संदिग्ध पाया गया है, जिनके आधार और अन्य डॉक्युमेंट्स की जांच की जा रही है.
क्यों जरूरी है अकाउंट का वैरिफिकेशन?
आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अभी 13 करोड़ से ज्यादा एक्टिव सब्सक्राइबर हैं, जिनमें आधार प्रमाणित अकाउंट की संख्या 1.2 करोड़ है. आईआरसीटीसी ने उन सभी अकाउंट की विशेष जांच का फैसला लिया है, जो आधार से ऑथेंटिकेटेड नहीं हैं. संदिग्ध पाए जाने पर अनऑथेंटिकेटेड खातों को बंद करने का फैसला किया जाएगा. रेलवे की कोशिश है कि जेनुइन पैसेंजर को ही तत्काल और प्रीमियम तत्काल सेवा के तहत टिकट प्राप्त हो. जिन अकाउंट होल्डर ने अपने खाते को आधार से लिंक कर दिया है, उन्हें तत्काल बुकिंग के पहले 10 मिनट में प्राथमिकता मिलेगी. आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों को भी तत्काल विंडो ओपन होने के पहले 10 मिनट में सिस्टम पर टिकट बुकिंग की इजाजत नहीं है. ऐसे में आईआरसीटीसी अकाउंट का आधार से वैरिफिकेशन करना जरूरी हो गया है.
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Source: IOCL























