केंद्र सरकार का बड़ा अलर्ट! सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट को लेकर जारी हुई सख्त चेतावनी, जानिए पूरी जानकारी
Social Media: केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य ऑनलाइन इंटरमीडियरीज को कड़ा संदेश दिया है

Social Media: केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य ऑनलाइन इंटरमीडियरीज को कड़ा संदेश दिया है इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने साफ किया है कि अगर प्लेटफॉर्म्स ने अश्लील, भद्दे और गैरकानूनी कंटेंट पर तुरंत और सख्त कार्रवाई नहीं की तो उन्हें कानून के तहत गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ सकता है. यह चेतावनी 29 दिसंबर 2025 को जारी एक नई एडवाइजरी के जरिए दी गई है.
नियमों की अनदेखी पर होगी कानूनी कार्रवाई
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे अपने मौजूदा कंप्लायंस सिस्टम की तुरंत समीक्षा करें और जो भी अवैध या आपत्तिजनक सामग्री उनके प्लेटफॉर्म पर मौजूद है, उसे बिना देरी हटाएं. केंद्र ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि लापरवाही बरतने पर संबंधित प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है.
IT एक्ट और IT रूल्स की याद दिलाई
एडवाइजरी में सरकार ने आईटी एक्ट और आईटी नियम 2021 का हवाला देते हुए कहा है कि इंटरमीडियरीज की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि उनके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किसी भी तरह की अश्लील, पोर्नोग्राफिक, बच्चों के लिए हानिकारक या गैरकानूनी जानकारी के प्रसार के लिए न हो. इसमें कंटेंट को अपलोड करने से लेकर शेयर और स्टोर करने तक सभी गतिविधियां शामिल हैं.
सेक्शन 79 के तहत जवाबदेही तय
सरकार ने यह भी दोहराया कि आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ‘ड्यू डिलिजेंस’ का पालन करना जरूरी है. तीसरे पक्ष द्वारा अपलोड किए गए कंटेंट के मामले में कानूनी सुरक्षा तभी मिलेगी, जब प्लेटफॉर्म नियमों का पूरी तरह पालन करेगा. नियमों की अनदेखी करने पर यह सुरक्षा खत्म हो सकती है.
समय पर कंटेंट हटाना अनिवार्य
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अगर किसी अदालत के आदेश या सरकार की अधिकृत एजेंसी से सूचना मिलने पर किसी कंटेंट को अवैध पाया जाता है, तो उसे तय समयसीमा के भीतर हटाना या उस तक पहुंच बंद करना अनिवार्य होगा. इसमें किसी भी तरह की देरी को गंभीर उल्लंघन माना जाएगा.
क्यों जारी हुई नई चेतावनी?
सरकार के मुताबिक, उसे लगातार आम लोगों, हितधारकों और यहां तक कि अदालतों से भी शिकायतें मिल रही थीं कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद कंटेंट शालीनता और अश्लीलता से जुड़े कानूनों का उल्लंघन कर रहा है. इन मुद्दों पर संसद में भी चर्चा हो चुकी है और कुछ मामलों को जांच के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया है. इन्हीं बढ़ती चिंताओं को देखते हुए केंद्र ने यह नई और सख्त एडवाइजरी जारी की है.
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