धोखाधड़ी में पैसे गए? जानिए क्या होता है गोल्डन ऑवर और कैसे मिलता है पैसा वापस
Golden Hour in Cyber Fraud: डिजिटल पेमेंट के बढ़ते दौर में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. साइबर ठग कुछ ही सेकंड में आपका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं.

Golden Hour in Cyber Fraud: डिजिटल पेमेंट के बढ़ते दौर में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. साइबर ठग कुछ ही सेकंड में आपका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. ऐसे में सबसे अहम होता है गोल्डन आवर, यानी धोखाधड़ी होने के पहले 60 मिनट. इस एक घंटे के भीतर अगर आप सही कदम उठा दें तो आपके पैसे वापस मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. देर होते ही रकम लगभग हमेशा के लिए खो जाने का खतरा रहता है.
फटाफट क्या करें? समय है सिर्फ 60 मिनट
जैसे ही आपको एहसास हो कि किसी ने आपके खाते से पैसे निकाल लिए हैं तुरंत कार्रवाई शुरू कर दें. सबसे पहले अपनी बैंक की हेल्पलाइन पर कॉल करें और संबंधित ट्रांज़ैक्शन को रिपोर्ट करें. बैंक को तत्काल बताने पर वह पेमेंट को रोक सकता है या उसे होल्ड पर डाल सकता है.
इसके बाद 1930 (नेशनल साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन) पर शिकायत दर्ज करें. यह नंबर सरकार द्वारा जारी किया गया है, जहां आपकी शिकायत तुरंत फाइनेंशियल फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम में भेजी जाती है. जितनी जल्दी शिकायत दर्ज होगी, उतना ही आसान होगा पैसे को फ्रीज करवाना.
CYBERCRIME पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना न भूलें
अगर आपको फोन नंबर व्यस्त मिले या कनेक्ट न हो, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर जाएं. यहां आप ऑनलाइन ही फ्रॉड की जानकारी भर सकते हैं. पोर्टल आपके केस को नजदीकी साइबर सेल और बैंक तक तुरंत पहुंचा देता है. ध्यान रहे कई लोग घबराहट में शिकायत देर से करते हैं और इसी वजह से उनका पैसा वापस नहीं मिल पाता.
बैंक और पुलिस की मदद कैसे मिलती है?
फ्रॉड रिपोर्ट करते ही आपका केस बैंक और साइबर पुलिस दोनों के पास पहुंच जाता है. बैंक उस अकाउंट को ट्रेस करने की कोशिश करता है, जहां आपके पैसे ट्रांसफर हुए. अगर फ्रॉड अकाउंट से अभी तक पैसे निकाले नहीं गए हैं तो बैंक उसे फ्रीज कर सकता है. साइबर पुलिस भी तेजी से ट्रांजैक्शन चेन को ट्रैक करती है ताकि रकम आगे न जाए.
रोकथाम ही सबसे बड़ा हथियार
हालांकि ‘गोल्डन आवर’ आपकी रकम वापस ला सकता है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है सतर्क रहना. अनजान लिंक, संदिग्ध कॉल, KYC अपडेट के नाम पर मैसेज और फर्जी ऐप डाउनलोड करने से बचें. अपने बैंक OTP, पिन या कार्ड जानकारी किसी के साथ साझा न करें.
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Source: IOCL





















