वाराणसी: जिला प्रशासन से नवरात्र में मांस की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग
वाराणसी के अधिवक्ता दीपक सिंह ने भी कहा कि काशी एक अविमुक्त क्षेत्र है, पवित्र नगरी है और खासतौर पर नवरात्र के महीने में यहां पर अनुष्ठान आयोजन का ध्यान रखते हुए मीट मांस की बिक्री पर रोक लगना चाहिए.

Varanasi News: राजधानी दिल्ली में भाजपा विधायक रविंद्र नेगी की तरफ से नवरात्र के दौरान मीट मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई है. अब वाराणसी में भी इसी प्रकार की मांग देखी जा रही है. जनपद में मीट मांस की बिक्री पर रोक लगाने के उद्देश्य से वाराणसी ज्ञानवापी मामले के पक्षकार और अधिवक्ता सामने आए हैं. इनके द्वारा वाराणसी जिला प्रशासन को विज्ञापन दिया गया है.
ज्ञानवापी मामले के पक्षकार ने मांग की गई है कि नवरात्र के दौरान वाराणसी के पंचकोसी क्षेत्र में मीट मांस की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जाए. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान ज्ञानवापी की वादिनी सीता साहू ने कहा कि काशी आध्यात्म की नगरी है. नवरात्र पवित्र दिन है. इस दौरान सात्विकता को ध्यान में रखते हुए नवरात्र की अवधि तक मीट मांस की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इसको लेकर हम वाराणसी जिला प्रशासन को एक पत्र दे रहें हैं. वाराणसी के अधिवक्ता दीपक सिंह ने भी कहा कि काशी एक अविमुक्त क्षेत्र है, पवित्र नगरी है और खासतौर पर नवरात्र के महीने में यहां पर अनुष्ठान आयोजन का ध्यान रखते हुए मीट मांस की बिक्री पर रोक लगना चाहिए. जिला प्रशासन के समक्ष हम अपनी मांग को रख रहे हैं.
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पंचकोशी परिक्षेत्र में रोक की मांग
इसके अलावा ज्ञानवापी मामले के पक्षकार डॉ. सोहनलाल आर्य ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि 1983 में ही एक प्रावधान तय किया गया था कि वाराणसी के पंचकोशी परिक्षेत्र में मीट मांस की बिक्री नहीं होगी. इसके दस्तावेज भी हैं. लेकिन आज तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया. हम मांग करते हैं कि पंचकोशी परिक्षेत्र में मीट मांस की बिक्री पर रोक लगे.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा न्यायालय परिसर में मौजूद साधुजन ने भी इस बात को लेकर सहमति जताई. बता दें कि दिल्ली में भी बीजेपी विधायक ने नवरात्री के दौरान पूरे राज्य में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. उनके अपील का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
Source: IOCL





















