उत्तराखंड में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू, जिलेवार 1649 पदों पर होगी नियुक्ति
Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने सहायक अध्यापक के 1649 पदों पर जिलेवार भर्ती शुरू की है. और लंबे इंतजार के बाद युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर खुला है.

लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. राज्य सरकार ने सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों (प्राथमिक) के 1649 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं. शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया जिलेवार होगी और इसके लिए संबंधित जिलों से आवेदन मांगे जाएंगे.
शासनादेश के अनुसार यह भर्ती उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 (यथासंशोधित) के तहत की जाएगी. इसके साथ ही प्रक्रिया में कार्मिक विभाग के 25 अप्रैल 2025 के शासनादेश का अनुपालन भी किया जाएगा.
जिलास्तर पर होगी भर्ती प्रक्रिया
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 2100 पद खाली हैं. इनमें से करीब 451 पदों पर भर्ती प्रक्रिया उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. ऐसे में शेष 1649 रिक्त पदों पर अब भर्ती की जाएगी. मंत्री ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक का पद जनपद कैडर में आता है, इसलिए भर्ती प्रक्रिया जिलास्तर पर ही संपन्न कराई जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के बाद डीएलएड अभ्यर्थियों को भी मिलेगा मौका
उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयासरत है. पिछले दो वर्षों में तीन हजार से अधिक खाली पदों को भरा जा चुका है. पहले एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल किए जाने को लेकर विवाद होने से प्रक्रिया प्रभावित हुई थी. मामला उच्च न्यायालय से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.
अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन कर दिया है. इसके तहत वर्ष 2017 से 2019 तक एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाएगा.
नई भर्ती से युवाओं को रोजगार और शिक्षा व्यवस्था को मजबूती
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है. नई भर्ती प्रक्रिया से न केवल हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था भी और अधिक सशक्त होगी.
Source: IOCL






















