उत्तर भारत में हाथियों का सुरक्षित ठिकाना बना उत्तराखंड, देश में 5वें स्थान पर पहुंचा राज्य
Dehradun News: रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा हाथी दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में हैं, जहां 6,013 हाथियों की गणना की गई है. दूसरे नंबर पर असम 4,159 हाथियों के साथ है.

उत्तर भारत में उत्तराखंड हाथियों का सबसे मुफीद ठिकाना बनकर उभरा है. भारतीय वन्यजीव संस्थान डबलू आई आई की 36वीं वार्षिक अनुसंधान संगोष्ठी के दौरान जारी की गई हाथी आकलन रिपोर्ट 2021 से 2025 में यह जानकारी सामने आई है,रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में कुल 22,446 हाथी हैं, जिनमें उत्तराखंड में 1,792 हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है. यह संख्या उत्तर भारत के किसी भी अन्य राज्य से अधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा हाथी दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में हैं, जहां 6,013 हाथियों की गणना की गई है. दूसरे नंबर पर असम 4,159 हाथियों के साथ है, जबकि तमिलनाडु 3,136 हाथियों के साथ तीसरे और केरल 2,785 हाथियों के साथ चौथे स्थान पर है. इस सूची में उत्तराखंड पांचवें स्थान पर रहते हुए देश के हाथी संरक्षण मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण राज्य के रूप में उभरा है.
प्राकृतिक आश्रयस्थल बड़ी वजह
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तराखंड का समृद्ध वन तंत्र, गंगा और इसकी सहायक नदियों के किनारे फैले घने जंगल और कॉरिडोर हाथियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करते हैं. राज्य के राजाजी, कॉर्बेट और तराई क्षेत्रों में हाथियों की बड़ी आबादी पाई जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड का भौगोलिक स्वरूप और संरक्षित वन क्षेत्र इन विशाल जीवों के लिए प्राकृतिक आश्रयस्थल साबित हो रहे हैं.
भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने कहा कि हाथियों की आबादी में स्थिरता इस बात का संकेत है कि राज्य में संरक्षण के प्रयास प्रभावी हो रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मानव-हाथी संघर्ष, वन क्षेत्र में अवैध घुसपैठ और कॉरिडोर में बाधाओं जैसी चुनौतियां अभी भी चिंता का विषय हैं.
संरक्षण और मजबूत किया जाएगा
राज्य के वन विभाग ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाथियों के लिए बनाए गए गलियारों की निगरानी और संरक्षण कार्यों को और मजबूत किया जाएगा. विभाग ने दावा किया कि राजाजी-कार्बेट लैंडस्केप क्षेत्र को “हाथी हब” के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन कायम रहे.
रिपोर्ट से यह साफ है कि उत्तराखंड न केवल उत्तर भारत में बल्कि पूरे देश में हाथी संरक्षण के एक सफल मॉडल के रूप में सामने आ रहा है. यह उपलब्धि राज्य के पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.
Source: IOCL
























