![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
यूपी: J&K में शहीद हो गए थे फतेहपुर के विजय, परिवार 15 अगस्त पर हर साल करता है कार्यक्रमों का आयोजन
शहीद विजय पांडेय के पिता कृष्ण पण्डे शहीद विजय के स्मारक की देख रेख करते हैं. यहां शहीदों के नाम 15 अगस्त और 26 जनवरी पर झंडा रोहण के बाद कन्या भोज सहित अन्य कार्यक्रम पर किये जाते हैं.
![यूपी: J&K में शहीद हो गए थे फतेहपुर के विजय, परिवार 15 अगस्त पर हर साल करता है कार्यक्रमों का आयोजन Uttar Pradesh: remembering the martyr Vijay of Fatehpur ANN यूपी: J&K में शहीद हो गए थे फतेहपुर के विजय, परिवार 15 अगस्त पर हर साल करता है कार्यक्रमों का आयोजन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/15/12a5afb655c62fa56b174bd173d83de4_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
फतेहपुर: शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा. इस कविता की पंक्तिंया एक शहीद के स्मारक को देखकर साकार हो उठती हैं. यूपी के फतेहपुर जिले में शहीद विजय पण्डे जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर के 30वीं बटालियन में पोस्ट थे. वह दुश्मनों से लड़ते लड़ते तीन जून 2018 में शहीद हो गए थे. शहीद विजय पण्डे के शहीद होने की सूचना जैसे ही विजय पांडेय के माता पिता को लगी तो पूरे घर में मातम छा गया, जिसके अंतिम दर्शन के लिए जिले के चांदपुर थाना क्षेत्र सतिगांवा गांव में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.
विजय को आज भी पूरा परिवार याद करता है- शहीद के पिता
आज जब शहीद विजय पांडेय के पिता कृष्ण कुमार पांडेय से बात की तो उनका कहना था कि विजय बचपन से ही सेना में जाने की चाह रखा हुआ था और विजय 4 जून 2012 को बीएसएफ में पोस्ट हुआ था, जिसके बाद उसे जम्मू कश्मीर के अखनूर में तैनाती मिली. विजय सेना की जॉब पाकर बहुत खुश हुआ था. जब विजय की मौत की खबर मिली तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया, लेकिन विजय को आज भी पूरा परिवार याद करता है.
शहीद विजय पांडेय के पिता कृष्ण पण्डे शहीद विजय के स्मारक की देख रेख करते हैं. यहां शहीदों के नाम 15 अगस्त और 26 जनवरी पर झंडा रोहण के बाद कन्या भोज सहित अन्य कार्यक्रम पर किये जाते हैं. शहीद विजय पण्डे के पिता और माता घर में अकेले रहते हैं. विजय पांडेय का एक बड़ा भाई अजय पांडेय है, जो कानपुर नगर निगम में जॉब करते है और कानपूर में ही रहते है.
स्मारक पहुंचकर बेटे को अपने पास होने का महसूस करती हैं मां
शहीद विजय पांडेय की बुआ ने बताया कि विजय पूरे घर का चहेता था. विजय की मौत के बाद से सबसे ज्यादा उसकी मां सरिता पांडेय को दुःख पहुंचा है लेकिन आज भी बेटे के स्मारक पर पहुंचकर बेटे को अपने पास होने का महसूस करती हैं.
शहीद विजय पांडेय के गांव वालों की माने तो शहीद विजय पण्डे जब भी गांव आते थे तो सभी से मिलते थे. सबसे ज्यादा विजय की मौत से माता पिता दुखी हैं.विजय पांडेय की शादी 20 जून 2018 को बुढ़वा गांव में होनी थी, लेकिन शादी से पहले विजय की अर्थी उसके घर आ गई. विजय की मौत के बाद गांव पहुंचे जिले के जनप्रतिनिधियों ने विजय के घर से शहीद स्मारक तक सीसी रोड बनवा दिया और शहीद स्मारक बनवाकर कहा कि जो उन्हें जरुरत होगी, उसको पूरा किया जायेगा.
यह भी पढ़ें-
Independence Day 2021 Photos: गर्व से आपका सीना चोड़ा कर देंगी आजादी के जश्न की ये तस्वीरें, जय हिंद!
पीएम ने किया बड़ा एलान, सरकार जल्द लॉन्च करेगी गति शक्ति योजना, जानें 100 लाख करोड़ की इस स्कीम के बारे में
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/68e69cdeb2a9e8e5e54aacd0d8833e7f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)