बीकेटीसी के अंतर्गत आने वाली मंदिरों के प्रसाद की होगी जांच, गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए SOP जारी
Uttarakhand News: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) ने अपने अधीन आने वाले बदरीनाथ, केदारनाथ धाम सहित अन्य मंदिरों में प्रसाद और भोग की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एसओपी जारी की है.
Uttarakhand Char Dham: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) ने अपने अधीन आने वाले बदरीनाथ, केदारनाथ धाम सहित अन्य मंदिरों में प्रसाद और भोग की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है. यह एसओपी तिरुपति मंदिर में लड्डुओं में मिलावट के मामले के बाद आई है, जो धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की शुद्धता और सुरक्षा को लेकर चिंताओं को उठाती है.
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने इस नई पहल के तहत यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि प्रसाद और भोग में प्रयुक्त होने वाली सभी खाद्य सामग्री उच्चतम मानकों का पालन करें और उनके निर्माण में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके अनुसार, प्रसाद और भोग में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री, जैसे चावल, तेल, घी, मसाले, और केसर की खरीद केवल विश्वसनीय व्यापारियों से की जाएगी.
यह भी निर्देश दिया गया है कि इन सामग्रियों की नियमित जांच की जाएगी, ताकि उनकी शुद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके. विशेष ध्यान यह दिया गया है कि भोग और प्रसाद तैयार करने में उपयोग किए जाने वाले तेल का अधिकतम तीन बार से ज्यादा उपयोग न किया जाए, ताकि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बरकरार रहे और किसी भी प्रकार की मिलावट या दूषित पदार्थों से बचा जा सके.
प्रसाद तैयार करने वालों इन बातों को रखना होगा ध्यान
एसओपी में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भोग और प्रसाद की तैयारी में लगे कर्मचारियों को स्वच्छता के उच्चतम मानकों का पालन करना होगा. इसमें कर्मचारियों की व्यक्तिगत स्वच्छता और खाद्य पदार्थों के निर्माण स्थलों की सफाई सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही, भंडारण और वितरण की प्रक्रिया में भी सावधानी बरती जाएगी, ताकि प्रसाद और भोग खराब न हों या उनमें मिलावट की संभावना न रहे.
भोजन सामग्री को लंबे समय तक स्टॉक में रखने की मनाही भी की गई है, ताकि ताजगी बनी रहे और खराब खाद्य सामग्री के उपयोग से बचा जा सके. इसके अलावा, प्रसाद और भोग की गुणवत्ता की नियमित जांच के लिए एक निगरानी प्रक्रिया स्थापित की गई है, जिसके तहत साल में कम से कम एक बार फूड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. यह ऑडिट भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं में किया जाएगा, जिससे प्रसाद की शुद्धता की पुष्टि होगी और मंदिरों में आने वाले भक्तों को शुद्ध और सुरक्षित प्रसाद मिल सके.
स्वच्छता और शुद्धता का रखा जाएगा ध्यान
यह कदम तिरुपति बालाजी मंदिर में हाल ही में हुई घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डुओं में मिलावट की शिकायतें सामने आई थीं. इस घटना के बाद बीकेटीसी ने यह निर्णय लिया कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता की विशेष देखभाल की जाएगी. विजय प्रसाद थपलियाल ने इस बात पर जोर दिया कि प्रसाद और भोग की गुणवत्ता और शुद्धता भक्तों की आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इस एसओपी के लागू होने से प्रसाद की तैयारी में स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाएगा और खाद्य सामग्री की नियमित जांच की जाएगी. यह नई एसओपी न बीकेटीसी के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों में लागू की जाएगी.
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