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Prayagraj Flood: राजस्थान और MP से छोड़े गए पानी से प्रयागराज में तबाही की आशंका, 24 घंटे की जा रही निगरानी
प्रयागराज में प्रशासन ने कंट्रोल रूम शुरू कर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. लोग तो अब बस यही दुआ कर रहे हैं कि नदियों के बढ़ने की रफ्तार थम जाएं और संगम नगरी से बाढ़ का खतरा टल जाए.
![Prayagraj Flood: राजस्थान और MP से छोड़े गए पानी से प्रयागराज में तबाही की आशंका, 24 घंटे की जा रही निगरानी Prayagraj Flood: Fear of destruction in Prayagraj due to water released from Rajasthan and MP ANN Prayagraj Flood: राजस्थान और MP से छोड़े गए पानी से प्रयागराज में तबाही की आशंका, 24 घंटे की जा रही निगरानी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/06/c0d2712265c4bdb556b295b6a4e7049c_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Prayagraj Flood: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से तकरीबन ढाई मीटर नीचे हैं और बाढ़ का पानी फिलहाल रिहायशी बस्तियों में तबाही नहीं मचा रहा है, लेकिन राजस्थान और मध्य प्रदेश से छोड़े गए पानी के यहां पहुंचने के बाद जबरदस्त तबाही मचने की आशंका जताई जा रही है. प्रयागराज में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अब सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है और अलर्ट जारी करते हुए चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है.
यहां कछारी इलाकों के रास्ते अब बाढ़ के पानी की जद में आने लगे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर जाने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है. संगम तक जाने वाले ज्यादातर रास्ते बाढ़ के पानी में समा चुके हैं. बाढ़ के पानी ने संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर को पूरी तरह अपनी आगोश में ले लिया है. इसके साथ ही आरती स्थल भी बाढ़ के पानी में डूब गया है. देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को अब किनारे पर ही आचमन व दर्शन कर डुबकी लगाए बिना ही मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के सभी एहतियाती कदम उठाए जाने के दावे किए हैं.
राजस्थान और MP से छोड़ा गया पानी 8 अगस्त से प्रयागराज पहुंचने लगेगा
आशंका जताई जा रही है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश से छोड़ा गया पानी 8 अगस्त से प्रयागराज पहुंचने लगेगा और उसके बाद तेजी से जलस्तर बढ़ने की सूरत में दोनों ही नदियां खतरे के निशान को पार कर सकती हैं. प्रयागराज में गंगा और यमुना के खतरे के निशान को पार करने पर कई मोहल्ले और गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. हजारों घर पानी में डूब जाते हैं और रिहायशी बस्तियों में नाव चलाने की नौबत आ जाती है.
प्रयागराज में प्रशासन ने कंट्रोल रूम शुरू कर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. इसके साथ ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती कर दी गई है. जल स्तर और बढ़ने पर फ्लड रिलीफ कैंप भी शुरू कर दिए जाएंगे. अगर दोनों नदियां खतरे के निशान को पार करती हैं तो कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में तमाम लोगों को दोहरी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा. यहां के लोग तो अब बस यही दुआ कर रहे हैं कि दोनों नदियों के बढ़ने की रफ्तार थम जाएं और संगम नगरी से बाढ़ का खतरा टल जाए.
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