मुख्तार अंसारी का शूटर अनुज कनौजिया एनकाउंटर में ढेर, परिजनों ने पुलिस पर खड़े किए सवाल
UP News: कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी का शूटर अनुज कनौजिया में एनकाउंटर में मारा गया है, अपराधी पर 2 लाख पचास हजार रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस इस कार्रवाई को बड़ी सफलता मान रही है.

Mau News: झारखंड में पुलिस एनकाउंटर में कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी का शूटर अनुज कनौजिया मारा गया. एनकाउंटर के बाद गांव में मातम पसर गया है, वहीं परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अपराधी के पिता ने कहा है कि, पहले उसकी गिरफ्तारी की गई उसके बाद एनकाउंटर किया गया. उन्होंने कहा कि गांव में एक कांस्टेबल ने आकर उन्हें बेटे के एनकाउंटर की सूचना दी. घटना की जानकारी मिलने पर गांव के लोग और प्रधान भी मौजूद थे.
पिता ने आरोप लगाया कि अनुज को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और बाद में इनाम घोषित कर उसे मुठभेड़ में मार दिया. उन्होंने कहा, "पहले एक लाख का इनाम घोषित किया गया, फिर उसे बढ़ाकर ढाई लाख कर दिया. मुझे आंखों की समस्या है, इसलिए खुद से कुछ देख नहीं पाया, लेकिन लोगों से सुना कि इनाम घोषित कर दिया गया है."
पिता ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि अपराधी हमेशा जान हथेली पर लेकर चलता है, लेकिन प्रशासन मुठभेड़ का दावा करके मामले को खत्म कर देता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस पहले ही अपराधियों को पकड़ लेती है, फिर बाद में दिखाने के लिए एनकाउंटर कर देती है. पिता ने कहा, "सत्यता की जांच यहां नहीं हो सकती. यहां हर कोई रिश्वतखोरी में लिप्त है. असली न्याय केवल ऊपर वाला करता है, वहां किसी प्रकार की घूस नहीं चलती."
पिता ने अनुज पर लगे 23 मुकदमों को कमतर बताते हुए कहा, "चाहे लाखों मुकदमे लगा दो, पुलिस के आरोप लगाना तो आम बात है. मैंने खुद उसे अपराध करते नहीं देखा. हां, वह जेल गया था और कुछ गलत लोगों के साथ रहा, लेकिन हर गलती करने वाले को मारा जाना चाहिए, ये सही नहीं है." उन्होंने कहा कि अनुज को मुख्तार अंसारी का शूटर बताया गया, लेकिन यह केवल आरोप है.
बिना पैसे के कोर्ट में कौन सुनेगा- पिता
उन्होंने दावा किया, "एक बार किसी ने उसे गलत काम के लिए उकसाया, लेकिन उसने मना कर दिया. इसके बाद उसे अपराधी घोषित कर दिया गया." पिता ने यह भी कहा कि प्रशासन ने मुख्तार अंसारी से जोड़कर उनके मकान गिरा दिए. उन्होंने कहा, "मेरे पास कोर्ट जाने का भी साधन नहीं है. बिना पैसे के कोर्ट में कौन सुनेगा?"
पीड़ित परिवार ने जताया संतोष
अशोक सिंह, जिनके भाई की हत्या मुख्तार अंसारी के इशारे पर की गई थी, ने कहा कि उन्हें वर्षों बाद न्याय मिला है. उन्होंने कहा, “योगी जी की सरकार में हमें इंसाफ मिला है. एनकाउंटर में एक अधिकारी भी घायल हुआ है, जिससे साफ होता है कि यह मुठभेड़ वास्तविक थी.”
अशोक सिंह ने बताया कि ढाई लाख के इनामी और कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया के एनकाउंटर के बाद परिजनों ने संतोष जताया है. मुख्तार अंसारी के खास शूटर रहे अनुज पर कई हत्याओं के आरोप थे, जिनमें अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह और चश्मदीद गवाह राम सिंह मौर्य की हत्या शामिल है.
परिजनों ने बताया कि अनुज कनौजिया मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी शूटर था, जो मुख्तार के इशारे पर संगठित अपराध को अंजाम देता था. 26-27 मुकदमों में आरोपी अनुज हत्या, लूट और वसूली जैसे मामलों में शामिल था. उसकी आपराधिक गतिविधियों की जड़ें गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ और वाराणसी तक फैली थीं.
परिजनों ने बताया कि पहले अनुज कनौजिया पर ₹50,000 का इनाम घोषित था, जिसे बढ़ाकर ₹1 लाख, फिर ₹2.5 लाख तक कर दिया गया. डीआईजी, एडीजी और अंततः डीजीपी स्तर तक इनाम बढ़ाया गया, जो उसकी खतरनाक अपराधी छवि को दर्शाता है.
अबतक मुठभेड़ में नौ आरोपी मारे गए
परिवार के अनुसार, मन्ना सिंह और सतीश हत्याकांड में अब तक नौ आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. कुल मिलाकर इस केस में 11 आरोपी थे, जिनमें मुख्तार अंसारी भी शामिल था. परिजनों ने कहा, “मुख्तार अंसारी तो अपनी मौत मरा, लेकिन उसके साथी एक-एक कर मारे जा रहे हैं.”
16 साल बाद मनाई होली
परिवार ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मृत्यु और उसके शूटर्स के सफाए के बाद उन्होंने 16 साल बाद होली मनाई है. परिजनों ने इसे अपनी व्यक्तिगत दीपावली बताया और कहा कि अब उन्हें न्याय मिल रहा है. पुलिस प्रशासन ने इस एनकाउंटर को बड़ी सफलता बताया है. परिजनों को उम्मीद है कि अब न्याय की प्रक्रिया पूरी होगी और मुख्तार अंसारी के गैंग के बचे हुए अपराधियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी.
अनुज कनौजिया की छवि एक बेहद खतरनाक अपराधी की थी. हत्या, लूट और रंगदारी जैसे लगभग दो दर्जन संगीन मामलों में उसका नाम शामिल था. उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे. पुलिस का कहना है कि उसकी मौत से इलाके में अपराध पर लगाम लगेगी. मुख्तार अंसारी गैंग के दुर्दांत अपराधी अनुज कनौजिया की मौत पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. हालांकि, इस एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों की जांच होनी बाकी है.
(मऊ से राहुल सिंह की रिपोर्ट)
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