महाकुंभ: इन वजहों से हुई चर्चा, कई बड़े रिकॉर्ड, ये हुए वायरल, जानें क्या-क्या रहा खास
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ का आज विधिवत तरीके से समापन हो जाएगा. इस बार महाकुंभ कई मायनों में खास रहा, जहां एक तरफ रिकॉर्ड बने तो वहीं कई मुद्दों को लेकर विवाद भी हुए.

Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिनों के बाद महाशिवरात्रि के स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रयागराज से महाकुंभ के समापन का औपचारिक ऐलान करेंगे. इस बार कुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई जो अपने आप में विश्व रिकॉर्ड है. जिसमें तमाम बड़ी राजनीतिक हस्तियों से लेकर उद्योगपति, बॉलीवुड कलाकार और अलग-अलग वर्गों से जुड़े लोग शामिल हुए. ये कुंभ कई बातों को लेकर चर्चा में भी रहा.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस महाकुंभ को विश्व इतिहास में अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बताया. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा धार्मिक आयोजन तक पूरी दुनिया में देखने को नहीं मिला. आस्था का सैलाब संगम नगरी में उमड़ा. इस पूरे आयोजन में प्रशासन की कार्यशैली की भी उन्होंने तारीफ़ की और उनके योगदान को सबसे अहम बताया. इस कुंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अडानी का परिवार, बॉलीवुड स्टार्स, क्रिकेटर्स सभी ने संगम में स्नान किया.
महाकुंभ इन वजहों से रहा सुर्खियों में
महाकुंभ की शुरुआत हुई तो हर्षा रिछारिया से लेकर IIT बाबा ने खूब सुर्खियां बटोंरी. हर्षा रिछारियां जहां अपनी खूबसूरती और शाही स्नान में शामिल होने को लेकर चर्चा में आई तो आईआईटी बाबा उर्फ अभय सिंह अपने बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर छाए रहे. वहीं रुद्राक्ष माला बेचने वाली मोनालिसा की तस्वीरें भी छाई रहीं.
महाकुंभ में हादसों पर सियासत- मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े कि प्रशासन के लिए उन्हें संभालना चुनौती बन गया, जिसके चलते संगम नोज पर भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई. इस मुद्दे को लेकर भी पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर सियासत देखने को मिली. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई. मेला क्षेत्र में कई आग की घटनाएं भी देखने को मिलीं.
विरोधी दलों की बयानबाजी- एक तरफ जहां महाकुंभ में रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु उमड़े तो वही विपक्षी दलों के नेताओं की बयानबाजी के चलते विवाद हुए, ममता बनर्जी ने इसे मृत्यु कुंभ कह दिया तो लालू प्रसाद यादव ने फालतू बताया, वहीं सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जिसने पाप किया है वो लोग महाकुंभ जाएं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा इससे गरीबी दूर नहीं होगी.
144 के दुर्लभ संयोग पर विवाद- ये महाकुंभ इसलिए भी ख़ास था क्योंकि इस बार 144 के दुर्लभ संयोग होने का दावा किया गया था लेकिन विपक्षी दलों ने इस दावे को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन बड़ी संख्या में इस वजह से श्रद्धालु आए भी.
महाकुंभ में बने कई बड़े रिकॉर्ड- महाकुंभ में इस बार कई बड़े रिकॉर्ड बने, जहां 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कुंभ में डुबकी लगाई. तो वहीं 15 हज़ार स्वच्छता कर्मियों ने 10 किमी वर्ग एरिया की सफ़ाई का रिकॉर्ड बनाया, 300 कर्मचारियों ने नदी की सफाई का रिकॉर्ड बनाया, 10 हज़ार लोगों ने हैंड पेंटिंग कर रचा इतिहास, मेले के आखिरी दिन 700 शटल बसों के संचालन से रिकॉर्ड भी बना.
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