Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव के लिए सिर दर्द बने 5 मुस्लिम नेता, फंस गया सपा का पेंच
UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के लिए गुरुवार से नामांकन शुरू हो रहा है. बुधवार को राज्य में आठ सीटों पर पहले चरण का नामांकन खत्म हो गया है.

Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के लिए अब उनके पांच बड़े मुस्लिम नेता सिर दर्द बन गए हैं. रामपुर और मुरादाबाद सीट पर नामांकन खत्म होने के बाद हर नेता अपना अलग सुर अलापते हुए नजर आ रहा है. ऐसे में अखिलेश यादव के लिए मुस्लिम नेता ही पार्टी के सबसे बड़े सिर दर्द साबित हो रहे हैं. ये सभी पांच नेता सपा हाईकमान और यादव परिवार के करीबी माने जाते हैं. सबसे पहला नाम तो खुद आजम खान है, जिन्होंने जेल से ही सपा प्रमुख को अपनी सियासी ताकत का एहसास करा दिया. दूसरा नाम एसटी हसन. मुरादाबाद से सांसद हसन, अखिलेश के करीबियों में गिने जाते हैं. तीसरा नाम है राज्यसभा सांसद जावेद अली खान का. इन्हें रामगोपाल यादव का करीबी कहा जाता है.
इसके बाद दो नाम ऐसे हैं जिनमें एक आजम के करीबी हैं तो दूसरे को वह पसंद भी नहीं करते. रामपुर से सपा ने मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाया है. सपा नेता आजम खान इन्हें पसंद नहीं करते. वहीं आसिम रजा ने भी रामपुर से ही नामांकन किया. इनके बारे में कहा जाता है कि ये आजम खान के करीबी हैं.
दरअसल, नामांकन खत्म होने के बाद भी सपा में रामपुर और मुरादाबाद में उम्मीदवारों का पेंच सुलझा हुआ नजर नहीं आता है. इस मुद्दे पर कई मुस्लिम नेता नाराज हैं तो कई दावेदारी ठोक चुके हैं. बीते दिनों सांसद एसटी हसन ने बतौर सपा प्रत्याशी नामांकन किया था. लेकिन बुधवार को उनका पत्ता कट गया, सपा के प्रत्याशी के तौर पर आजम खान की करीबी रुचि वीरा ने नामांकन कर दिया.
रुचि वीरा के नामांकन करने के बाद पार्टी में बगावत के सुर और तेज हो गए. राज्यसभा सांसद और प्रो. रामगोपाल यादव के करीबी मानें जाने वाले जावेद अली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'नवाबों के दौर में भी मुरादाबाद कभी रामपुर के आधीन नहीं रहा, अब है.'
अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन का करीबी बल्ली पंडित गिरफ्तार, आखिरी बार इसी के साथ आई थी नजर
आजम खान का गुट नाराज
वहीं रामपुर सीट पर भी आजम खान का गुट नाराज बताया जा रहा है. बीते दो उपचुनाव में हार का सामना कर चुके आजम खान के करीबी आसिम रजा ने नामांकन कर दिया है. जबकि पहले उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया था. इसके अलावा आजम खान भी सपा के फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं.
सपा ने इस सीट पर मौलाना हिबउल्लाह नदवी को अपना उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन भी बुधवार को कर दिया. लेकिन सूत्रों की मानें तो आजम खान का गुट उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में नहीं था.
बता दें कि आजम खान से अखिलेश यादव ने बीते दिनों सीतापुर जेल में मुलाकात की थी. तब सपा नेता ने अखिलेश यादव से रामपुर सीट से चुनाव लड़ने की अपील की थी. लेकिन अब इस सीट पर सपा ने मौलाना हिबउल्लाह नदवी को प्रत्याशी बना दिया है.
Source: IOCL





















