Sharda University Suicide Case: ज्योति शर्मा के परिजनों ने जांच पर उठाए सवाल, DCP को ज्ञापन सौंपकर की ये बड़ी मांग
UP: शारदा यूनिवर्सिटी के चर्चित ज्योति शर्मा सुसाइड केस की जांच में परिजनों ने सवाल खड़े किये हैं, परिजनों ने डीसीपी से मुलाकात की है. साथ ही मामले की जांच दूसरी कोतवाली पुलिस को सौंपने की मांग की है.

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय (Sharda University) की बीडीएस छात्रा ज्योति शर्मा की मौत का मामला लगातार गहराता जा रहा है. छात्रावास में ज्योति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर परिजनों ने अब पुलिस जांच पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
सोमवार को परिजनों ने डीसीपी साद मियां खान और एसीपी विवेक रंजन राय से मुलाकात कर नॉलेज पार्क कोतवाली पुलिस पर जांच प्रभावित करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच किसी दूसरी कोतवाली पुलिस को सौंपने की मांग करते हुए एक पत्र डीसीपी को सौंपा है.
18 जुलाई को ज्योति ने की थी आत्महत्या
मृतका के पिता राजेश जांगड़ा ने बताया कि 18 जुलाई की रात ज्योति ने छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी. उनकी तहरीर पर पुलिस ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, डीन समेत छह नामजद और अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था. आरोप है कि क्लास में ज्योति का लगातार मानसिक उत्पीड़न किया जाता था. इसके बावजूद पुलिस ने अभी तक उसके सहपाठियों के बयान दर्ज नहीं किए. उल्टा, केवल बगल के फ्लैट में रहने वाली छात्रा का बयान लिया गया है.
ज्योति के दोस्तों के बयान पर पुलिस नहीं दे रही ध्यान
परिजनों का कहना है कि ज्योति के सहपाठी खुद बयान देने को तैयार हैं, लेकिन पुलिस इस पर ध्यान नहीं दे रही. साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भी अब तक वह जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी, जिसे घटना के समय पांच दिन में देने का वादा किया गया था.
यूनिवर्सिटी प्रबंधन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप
परिजनों ने मांग की है कि ज्योति की क्लास में उपस्थिति, घटना वाले दिन की कक्षाओं की संख्या और छात्रों की उपस्थिति का पूरा ब्योरा निकाला जाए. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन और पुलिस, दोनों ही मामले में लापरवाही बरत रहे हैं. यही वजह है कि जिन दो आरोपियों को जेल भेजा गया था, उन्हें आसानी से जमानत मिल गई.
पुलिस हर संभव मदद के लिए तैयार
वहीं ज्योति शर्मा के परिजनों के आरोपों और मांग पर एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि परिजनों ने कुछ छात्रों के शपथ पत्र जांच में शामिल करने और जांच किसी दूसरी कोतवाली से कराने की मांग की है. पुलिस इसके लिए तैयार है और परिजनों की हर संभव मदद की जाएगी.
क्यों संवेदनशील है मामला?
ज्योति शर्मा की मौत ने विश्वविद्यालय और प्रशासन दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह मामला न केवल एक छात्रा की संदिग्ध मौत का है, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उत्पीड़न जैसे गंभीर मुद्दों से भी जुड़ा हुआ है. परिजनों का आरोप है कि अगर समय रहते उचित कदम उठाए जाते तो शायद ज्योति की जान बचाई जा सकती थी.
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Source: IOCL























