योगी सरकार का सुरक्षा बलों को तोहफा, गोरखपुर में बना 200 जवानों की क्षमता वाला हाईटेक बैरक
Gorakhpur News :26वीं वाहिनी पीएसी में11 मंजिला बैरक टॉवर बनाने के लिए 11करोड़ 67 लाख रुपये की लागत स्वीकृत की गई थी.अब यह टॉवर बनकर तैयार है. इन्हें भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

कानून व्यवस्था मजबूत बनाए रखने में पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी) के योगदान से सभी वाकिफ हैं. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएसी के जवानों की लॉ एंड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका की कई मंचों से सराहना कर चुके हैं. पीएसी के जवानों को अत्याधुनिक सुविधा देने के लिए योगी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा जोर दे रही है. इसी सिलसिले में गोरखपुर में स्थित 26वीं वाहिनी पीएसी परिसर में जवानों के लिए 200 की क्षमता का अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुमंजिला बैरक बनकर तैयार हो गया है. जल्द ही इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होने की उम्मीद है.
26वीं वाहिनी पीएसी में 11 मंजिला बैरक टॉवर बनाने के लिए 11 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत स्वीकृत की गई थी. अब यह टॉवर बनकर तैयार है. टॉवर के भूमि तल पर डायनिंग हाल, लॉबी किचन, बरामदा, टॉयलेट, दो लिफ्ट, दो स्टेयरकेस का निर्माण कराया गया है. टॉवर के प्रथम तल पर डायनिंग हाल, ओपेन टैरेस, लॉबी, रिक्रिएशन हाल, टॉयलेट, लिफ्ट, स्टेयरकेस निर्मित है. जबकि द्वितीय तल से 11वें तल तक प्रत्येक फ्लोर पर चार कमरे बनवाए गए हैं. हर कमरा पांच जवानों की क्षमता का है. इसके अलावा चार टॉयलेट, लिफ्ट और स्टेयरकेस का निर्माण हुआ है.
इन मानकों पर बनी है बिल्डिंग
कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग (भवन खंड) द्वारा बनाए गए इस बैरक टॉवर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आरसीसी टैंक, सेप्टिक टैंक, विद्युत आपूर्ति हेतु डीजी सेट, फायर सेफ्टी आदि की भी व्यवस्था की गई है. इसका निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब इसके लोकार्पण की तैयारी की जा रही है. बहु मंजिला बैरक टॉवर बन जाने से अब पीएसी जवानों को रहने में काफी सुविधा हो जाएगी.
कई शहरों में बहुमंजिला बैरकें तैयार
यहां बता दें कि प्रदेशभर में ज्यादातर पीएसी में जवानों के रहने के मकान पुराने और जर्जर हो चुके थे, साथ ही संख्या के हिसाब से मात्रा में कम भी. पिछले दिनों प्रदेश में कई शहरों में जवानों के रहने के लिए बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया गया है. इन्हें भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए तैयार किया गया है.
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Source: IOCL























