SIR प्रक्रिया पर सपा का हमला, माता प्रसाद पांडे बोले, ‘यह साफ-साफ वोट काटने की रणनीति है'
Gonda News: माता प्रसाद पांडे ने कहा कि SIR कराने से पहले मैपिंग कराना जरूरी था. मैपिंग का मतलब है कि 2003 की पुरानी वोटर लिस्ट का वर्तमान वोटर लिस्ट से मिलान किया जाए.

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय ने SIR प्रक्रिया पर कई सवालखड़ी खड़े किया. SIR प्रकिया में मैपिंग न होने पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि यह चुनाव आयोग की नाकामी है. माता प्रसाद पांडे ने कहा कि SIR कराने से पहले मैपिंग कराना जरूरी था. मैपिंग का मतलब है कि 2003 की पुरानी वोटर लिस्ट का वर्तमान वोटर लिस्ट से मिलान किया जाए. लेकिन अब जब मैपिंग नहीं हो रही है, तो जो भी व्यक्ति SIR फॉर्म भरेगा, उसे तीसरी सूची में डाल दिया जाएगा.”
यह वोट काटने की रणनीति है
माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा, “तीसरे नंबर में नाम डालने का अर्थ यह है कि संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर पूछा जाएगा कि वह यहां का निवासी होने का सबूत दे. इसी प्रक्रिया में गड़बड़ी और घपले की आशंका बढ़ती है.” उन्होंने कहा, "यह साफ-साफ वोट काटने की रणनीति है. पहले मृत व्यक्तियों के नाम हटाए जाएंगे, फिर जो लोग शिफ्ट कर गए हैं उन्हें अलग किया जाएगा. जिन लड़कियों की शादी हो गई है और वे दूसरे स्थान चली गई हैं, उनके नाम स्वाभाविक रूप से हट जाएंगे. लेकिन जिनकी 2003 की सूची से मैपिंग नहीं हो पा रही है, उनको तीसरी सूची में डालकर परेशान किया जाएगा."
लोगों को पहचान के लिए परेशान किया जाएगा
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि तीसरी सूची में जाने वाले लोगों को नोटिस देकर यह साबित करने को कहा जाएगा कि वे यहां के निवासी हैं. चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को मान्य प्रमाणपत्र नहीं माना, इसलिए ऐसे लोगों को निवास प्रमाण-पत्र बनवाना पड़ेगा, जिसके लिए तहसील के चक्कर लगाने पड़ेंगे. इस बहाने बड़ी संख्या में लोगों के वोट काटे जा सकते हैं.
अमित शाह के बयान की निंदा
गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए माता प्रसाद पांडेय ने कहा, "असंसदीय शब्द बोलना उचित नहीं है. अगर उन्होंने असंसदीय शब्द कहा है तो इसकी जिम्मेदारी लोकसभा स्पीकर की है. उन्हें नोटिस जारी कर कार्रवाई करनी चाहिए." गोंडा में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद द्वारा अधिकारियों को गाली देने के मामले पर उन्होंने कहा, "इस पर हम क्या कहें? जिन अधिकारियों को गाली दी गई है, उन्हें चाहिए कि वे मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं."
Source: IOCL
























