Ghaziabad News: बंदियों ने आपस में बदले नाम, जमानत मिली बाबू को और रिहा हो गया ताराचंद, पुलिस ने उठाया ये कदम
Ghaziabad Jail: अदालत ने जेल में बंद दूसरे बंदी को तलब किया तो उसने अपना असली नाम बता दिया. इसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद डिप्टी जेलर ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.

Ghaziabad News: गाजियाबाद (Ghaziabad) की जिला जेल का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको सुनकर आपको लगेगा कि ये कोई फिल्मी सीन तो नहीं है. दरअसल, गाजियाबाद की जिला जेल में बाबू नामक बंदी को कोर्ट से जमानत मिली और वह ताराचंद बंदी बाबू के नाम पर रिहा हो गया. दोनों को बिजली उपकरण और ट्रांसफार्मर चोरी के मामले में हापुड़ के थाना सिंभावली से कार्रवाई के बाद डासना जेल में बंद कर दिया गया था, लेकिन दोनों बंदियों ने जेल में जाते वक्त अपना नाम बदल कर एक दूसरे का नाम आपस में बता दिया, जिसकी फोटो भी सामने आयी है. इन दोनों ने जानबूझकर जेल पुलिस को अपना नाम गलत बताया था.
क्या है पूरा मामला?
कहते है न जुर्म की उम्र बहुत छोटी होती है, ठीक ऐसा ही इनके साथ भी हुआ है. अदालत ने जेल में बंद दूसरे बंदी को तलब किया तो उसने अपना असली नाम बता दिया. इसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद डिप्टी जेलर ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. अदालत ने रिहा हुए ताराचंद को फिर से जेल भेजने के आदेश दिए. पुलिस ने तुरंत करवाई करते हुए ताराचंद को गिरफ्तार कर लिया है.
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि पुलिस द्वारा एक साथ 10 जनवरी को दो बंदी यहां दाखिल किए गए. इनमें एक तारा था और एक बाबू था. दोनों ने एक दूसरे से अपना नाम बदल कर यहां गेट पर अपना नाम नोट कराया, क्योंकि उनकी कोई आईडी हमें प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने जो अपने नाम बताए. उसी हिसाब से उनकी एंट्री हो गयी, दूसरे वाले का जब रिहाई आदेश आया तो उस पर पहला व्यक्ति छूट गया, जैसे ही ये बात संज्ञान में आई तो तत्काल इसको न्यायालय के संज्ञान में लाया गया और इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए लिखा गया. इसी के साथ जो गलत छूटा था वो दोबारा गिरफ्तार होकर जेल में दाखिल हो गया है. इन पर मुकदमा दर्ज करने के लिए हमने अनुरोध किया गया है.
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Source: IOCL





















