जातीय जनगणना के ऐलान पर धोखा दे सकती है सरकार? जानें- चंद्रशेखर आजाद ने क्यों किया ये दावा
UP Politics: Nagina MP चंद्रशेखर आजाद ने दावा किया है जातीय जनगणना के ऐलान पर सरकार धोखा दे सकती है. उनका इशारा बिहार में चुनाव को लेकर था.

UP Politics: जाति जनगणना कराने के केंद्र के फैसले पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उत्तर प्रदेश स्थित नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने सरकार की मंशा पर शक भी जताया है. उन्होंने यह भी कहा है कि उनका दल और वह खुद पहले से इसकी मांग करते रहे हैं.
नगीना सांसद ने कहा कि 'आजाद समाज पार्टी लंबे समय से लगातार यह मांग उठाती रही है. 3 फरवरी को लोकसभा सत्र के दौरान मैंने जाति जनगणना का मुद्दा उठाकर शुरुआत की थी. 2024 में जब हम दिल्ली में थे, इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित एक बड़े आंदोलन के दौरान भी हमारी पहली मांग जाति जनगणना की थी. जब हमने सहारनपुर से शुरू करके 18 मंडलों में समीक्षा कार्यक्रम चलाया, तो हमारी पहली मांग यही थी. हम जाति जनगणना के महत्व को समझते हैं और मेरा मानना है कि अगर जाति जनगणना कराई जाती है, तो हमें बहुमूल्य डेटा मिलेगा, खासकर पिछड़े वर्गों के बारे में. यहां तक कि सामान्य वर्ग को भी स्पष्टता मिलेगी. लोगों के पास कितनी शिक्षा है, किसके पास कितनी जमीन है, किसके पास नौकरी है. इसकी जानकारी सामने आएगी.
यूपी के इस जिले में पान-बीड़ी और शराब पर रोक, अंडरगार्मेट्स के ऐड भी नहीं लगेंगे, 14km तक प्रतिबंध
'सरकार ने इस बारे में केवल बात की है...'
आजाद ने कहा कि हालांकि, सरकार ने इस बारे में केवल बात की है और कार्यान्वयन के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है. हमारी पार्टी के कई लोगों का मानना है कि बिहार चुनाव के कारण अब इस पर चर्चा हो रही है, क्योंकि नीतीश (बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) पहले ही बिहार में जाति जनगणना करा चुके हैं. मेरा मानना है कि जाति जनगणना के बाद ही इस पर चर्चा होगी. क्या हम और कुछ कह पाएंगे.
उन्होंने कहा कि अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है. कौन से विषय शामिल किए जाएंगे, कब शुरू होगा, कब खत्म होगा. ये सब अभी भी तय नहीं है. मेरा मानना है कि जाति जनगणना के बाद ही हम और कुछ कह पाएंगे. अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है. कौन से विषय शामिल किए जाएंगे, कब शुरू होगा, कब खत्म होगा. ये सब अभी भी तय नहीं है. साथ ही, मैं यह भी स्पष्ट कर दूं कि 1931 के बाद कोई भी जाति जनगणना ठीक से नहीं हुई है. आखिरी वास्तविक जाति जनगणना ब्रिटिश सरकार के तहत हुई थी. तब से कोई भी जाति जनगणना नहीं हुई है.
आजाद ने कहा कि न तो पिछड़े वर्गों के लिए और न ही सामान्य वर्ग के लिए. जब तक ऐसी जनगणना नहीं हो जाती, तब तक कई चीजें अस्पष्ट रहेंगी. हमें चिंता है कि मौजूदा सरकार भी बिहार चुनाव के बाद अपने रुख से पलट सकती है और कह सकती है कि वे जनगणना नहीं करेंगे.'
Source: IOCL





















