Banda News: फटी-पुरानी किताबों से पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे, सत्र शुरू होने के एक महीने बाद भी नहीं मिली किताब
UP News: बच्चों ने कहा, किताबें नहीं होने से दिक्कत हो रही है क्योंकि किताबें सिर्फ विद्यालय में ही उपलब्ध होती हैं. हम इन्हें घर नहीं ले जा सकते. किताबें नहीं होने से घर में पढ़ाई नहीं हो पाती है.

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बांदा में प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों (UP Government Schools) में 16 जून से नए शिक्षण सत्र की शुरुआत हो चुकी है. स्कूल खुले लगभग 1 माह होने वाला है लेकिन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अभी तक किताबें नहीं मुहैया कराई गईं हैं. इसकी वजह से इन सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में काफी दिक्कत हो रही है. बांदा जनपद के पल्हरी गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 8 की क्लास में तकरीबन 20 से अधिक बच्चे मौजूद हैं लेकिन अगर बच्चों को पढ़ने के लिए किताबों की बात की जाए तो यहां मात्र तीन से चार किताबें ही मौजूद थीं.
क्या कहा बच्चों ने
एक किताब से तीन चार बच्चों को बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है. बच्चों का कहना है कि अभी नई किताबें नहीं आईं हैं और यह पुरानी किताबें पहले के छात्रों से ली गई हैं तो कुछ ही किताबें उपलब्ध हो पाई हैं, इसके चलते मजबूरी में हम लोगों को किताबें शेयर करके पढ़ाई करनी पड़ रही है. बच्चों ने कहा कि किताबें नहीं होने से काफी दिक्कत हो रही है क्योंकि किताबें सिर्फ विद्यालय में ही उपलब्ध होती हैं. हम इन्हें घर नहीं ले जा सकते हैं. किताबें नहीं होने से घर में पढ़ाई नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से बहुत समस्या हो रही है.
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क्या कहा टीचर ने
वहीं क्लास में मौजूद शिक्षिका कल्पना साहू का साफ कहना था कि, किताबें ना होने के कारण बच्चों की पढ़ाई व्यवस्थित रूप से नहीं हो पा रही है और कोर्स भी पिछड़ रहा है. कक्षा में बहुत कम किताबें हैं. बच्चों को यहां तो जैसे-तैसे पढ़ा दिया जाता है लेकिन जो घर से काम करने के लिए दिया जाता है वे नहीं कर पाते हैं क्योंकि किताबें नहीं हैं.
क्या कहा प्रिंसिपल ने
वहीं इस मामले में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शतरूपा कुशवाहा का कहना है कि, विद्यालय में एक से आठ तक के सभी बच्चों को पहले के छात्रों से पुरानी किताबें उपलब्ध कराकर पढ़ाई कराई जा रही है. उनका कहना है कि विभाग द्वारा भी अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. इन बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जानी चाहिए क्योंकि इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.
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