अलीगढ़ की पुलिसिंग में होंगे बड़े बदलाव, थानेदारों के लिए SSP का नया फरमान, जानें क्या है आदेश?
UP News: एसएसपी के मुताबिक, अब कोई भी फरियादी जब थाना परिसर में अपनी शिकायत या प्रार्थना पत्र लेकर पहुंचेगा, तो थानेदार को अनिवार्य रूप से उसकी लिखित रिसीविंग देनी होगी.

अलीगढ़ में पुलिसिंग की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने को लेकर नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नीरज कुमार जादौन ने बड़ा आदेश जारी किया है. अब कोई भी फरियादी जब थाना परिसर में अपनी शिकायत या प्रार्थना पत्र लेकर पहुंचेगा, तो संबंधित थानेदार को अनिवार्य रूप से उसकी लिखित रिसीविंग देनी होगी.
आदेश के मुताबिक, थानेदार सात दिन के भीतर उस प्रार्थना पत्र पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार करके एसएसपी कार्यालय को भेजनी भी होगी. यह निर्णय अलीगढ़ की पुलिसिंग व्यवस्था को अधिक संवेदनशील, त्वरित और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम माना जा रहा है.
अब शिकायत दर्ज होने के बाद होगी कार्रवाई
आमतौर पर देखने में आता था कि थानों पर पहुंचने वाले फरियादियों की शिकायतें कई बार अनसुनी रह जाती थी या फिर बिना किसी पुख्ता कार्यवाही के फाइलों में दबा दी जाती थीं. ऐसे में फरियादियों को बार-बार अधिकारियों और थानों के चक्कर लगाने पड़ते थे. अब एसएसपी के इस फरमान के बाद यह सुनिश्चित होगा कि हर शिकायत दर्ज हो और उसके समाधान के लिए समयबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाए.
क्या कहते हैं नए कप्तान?
एसएसपी नीरज कुमार जादौन का कहना है कि इस व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ आम जनता को मिलेगा. जब किसी फरियादी को यह भरोसा होगा कि उसकी शिकायत पर पुलिस संज्ञान ले रही है और उसे उसकी शिकायत की लिखित रिसीविंग भी दी जा रही है, तो उसके मन में पारदर्शिता और निष्पक्षता की भावना पैदा होगी. साथ ही सात दिन में रिपोर्ट तैयार कर एसएसपी कार्यालय को भेजे जाने से संबंधित थाने की जिम्मेदारी भी तय हो जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि अक्सर शिकायतें समय पर न सुनी जाने की वजह से फरियादी निराश होकर उच्चाधिकारियों के दरवाजे खटखटाने को मजबूर हो जाते थे. कई बार छोटे-छोटे मामलों को हल कराने के लिए भी आम जनता को महीनों तक दौड़ना पड़ता था. अब इस नई व्यवस्था से आमजन को त्वरित न्याय मिलने की उम्मीद जगी है.
पुलिस की जवाबदेही तय होगी
इस आदेश का दूसरा बड़ा पहलू यह है कि अब थानों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय होगी. पहले अक्सर आरोप लगता था कि कई मामलों में शिकायतें ‘डंप’ कर दी जाती हैं और उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती. अब हर शिकायत का रिकॉर्ड एसएसपी कार्यालय तक पहुंचेगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस थाने में किस मामले पर क्या कार्रवाई हुई.
अगर किसी मामले में लापरवाही या हीलाहवाली पाई जाती है, तो सीधे तौर पर जिम्मेदार थानेदार और संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही की जा सकेगी. इससे पुलिसिंग की कार्यशैली में अनुशासन और तत्परता दोनों ही आएंगे.
"जनता को मिलेगा त्वरित समाधान"
एसएसपी का साफ कहना है कि जनता को जल्द से जल्द उसकी समस्याओं से निजात दिलाना ही इस पहल का मकसद है. पुलिस जनता की सुरक्षा और सेवा के लिए बनी है, इसलिए हर फरियादी को सम्मानजनक व्यवहार और समयबद्ध समाधान मिलना चाहिए.
कानून-व्यवस्था को लेकर भी दावे
उन्होंने अलीगढ़ की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने का भी दावा किया है. उनका कहना है कि जिले में अपराध पर नियंत्रण और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह सक्रिय है. उन्होंने बताया कि नियमित रूप से थाना स्तर पर गश्त, संदिग्ध व्यक्तियों की जांच और आपराधिक घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया जैसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए तुरंत पुलिस को सूचित करें.
'जनता को चक्कर न काटने पड़े'
इस नई व्यवस्था का एक और बड़ा लाभ यह होगा कि अब आम जनता को अधिकारियों और थानों के चक्कर काटने की मजबूरी से छुटकारा मिलेगा. जब हर शिकायत पर लिखित रिसीविंग मिल जाएगी और उस पर समयबद्ध कार्रवाई की रिपोर्ट एसएसपी कार्यालय तक पहुंच जाएगी, तो जनता को बार-बार अपनी शिकायत दोहराने की आवश्यकता नहीं होगी.
Source: IOCL























