'वोट का अधिकार छिना तो आरक्षण भी खत्म होगा...', SIR को लेकर बीजेपी पर बरसे अखिलेश यादव
UP News: समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी सरकार का काम जनता को रोटी, रोजगार देना नहीं, लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर परेशान करना है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि एसआईआर बीजेपी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए करा रही है. हमारी अपील है कि सब अपना वोट बनवाएं, कटने से बचाए वरन बीजेपी बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संविधान के अधिकार को छीनने की तैयारी में है. वोट का अधिकार छिना तो आरक्षण भी खत्म होगा. जनता के तमाम दूसरे अधिकार जो संविधान से मिल रहे है, वे भी छिन जाएंगे.
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग का काम है कि सभी मतदाताओं का मतदान का अधिकार छूटने न पाए किसी का वोट कटे नहीं. लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है. बीजेपी सरकार के दबाव में चुनाव आयोग वोट काटने का काम ज्यादा कर रहा है. बिहार में एसआईआर में लाखों लोग मतदान से वंचित हो गए. उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चुनाव इस वर्ष होने नहीं जा रहे हैं फिर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है?
अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी सरकार का काम जनता को रोटी, रोजगार देना नहीं, लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर परेशान करना है. कई लोगों को वर्षों से न्याय नहीं मिल रहा है, मोहम्मद आजम खान, गायत्री प्रजापति, रमाकांत यादव जेल में है. ऐसे बहुत सारे समाजवादी, पीडीए परिवार के लोग हैं जिनके ऊपर अन्याय हो रहा है, झूठे मुकदमें लगा रहे हैं.
थाने से लेकर तहसील तक कहीं किसी की सुनवाई नहीं हो रही- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी राज में भ्रष्टाचार थम नहीं रहा है. थाने से लेकर तहसील तक कहीं किसी की सुनवाई नहीं हो रही है. हिरासत में मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश नम्बर एक है. फर्जी एनकाउण्टरों की रोकथाम नहीं है. विपक्षियों को खासकर, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को, फर्जी केसों में फंसाकर उन पर तमाम धाराएं लगाई जा रही हैं. पुलिस का रवैया जनविरोधी है, महिलाएं सबसे ज्यादा अपमानित हो रही है. बच्चियों तक से दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है.
संचार साथी ऐप लोगों की निजता का उल्लंघन है- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि संचार साथी ऐप की क्या जरूरत पड़ रही है. आज के समय में अगर ऐप डालकर सरकार जासूसी करेगी तो कोई भी स्वीकार नहीं करेगा. यह लोगों की निजता का उल्लंघन है. इसका बेजा इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने कहा कि जिनका इतिहास ही मुखबिरी का रहा हो वो जासूसी करना कैसे छोड़ सकते हैं? बीजेपी सरकार में अभिव्यक्ति की आजादी तो पहले ही छीनी जा रही थी. अब घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार, मित्रता, कारोबार की आपसी बातचीत पर भी भाजपाइयों और उनके संगी साथियों की गिद्ध निगाह लग जाएगी. जनता ने भी फैसला कर लिया है अब उसे बीजेपी सरकार नहीं चाहिए, जो लोगों की निजता को तार-तार करे. जनता इस बार अपनी निजता, मान सम्मान, हक, आरक्षण, संविधान बचाने के लिए भाजपा सरकार को भगाने के लिए संकल्पित है.
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