'भारत को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, ये लोकतंत्र का...', आचार्य प्रमोद कृष्णम का विपक्ष पर हमला
Hapur News: हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में नेह नीड़ संस्था का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था. जिसमें कल्कि पीठाधीश्वर के आचार्य प्रमोद कृष्णम् मुख्य अतिथि के रूप में यहां पहुंचे.

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् रविवार को जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे. यहां उन्होंने विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा, “ये भारत के लोकतंत्र का दुर्भाग्य है कि विपक्ष भारत को बांग्लादेश बनाना चाहता है. राहुल गांधी और उनकी टीम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रहित में लिये जा रहे फैसलों का विरोध करते हैं. संसद को कबड्डी का मैदान बनाना चाहते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी का राहु बड़ा पावरफुल है, जो अखिलेश यादव के सिर पर चढ़ गया है, यही वजह है कि वह उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं. समाजवाद परिवारवाद के विरोध में आया, लेकिन अखिलेश यादव ने परिवारवाद को ही समाजवाद का रूप दे दिया है.”
हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में नेह नीड़ संस्था का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था. जिसमें कल्कि पीठाधीश्वर के आचार्य प्रमोद कृष्णम् मुख्य अतिथि के रूप में यहां पहुंचे. यहां उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों और संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों को लेकर कहा कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कुछ संस्थाएं काम कर रही हैं और निरंतर काम करती रहती हैं. उनमें से एक संस्था नेह नीड है. ऐसे ही संस्थाओं के मिलकर कार्य करने से भारत का नवनिर्माण होगा. पीएम नरेंद्र मोदी का जो विजन है कि भारत के भविष्य को सशक्त बनाना है, दूरदर्शी बनाना है, यही कार्य नेहनीड कर रहा है.
SIR पर विपक्ष के विरोध से नाराज
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने देश के अलग-अलग राज्यों में कराए जा रहे एसआईआर को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर कहा कि विपक्ष भारत को बांग्लादेश बनाना चाहता है, ये भारत के लोकतंत्र का दुर्भाग्य है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लिये गये फैसलों की आलोचना और विरोध अकारण करते हैं. उन्हें आशंका है कि नरेंद्र मोदी किसी दिन कह देंगे कि सूर्य पूरब से उगता है, तो राहुल गांधी और उनकी पूरी टीम कहेगी कि नहीं नरेंद्र मोदी गलत कह रहे हैं. तो वो आलोचना के लिए आलोचना नहीं कर रहे हैं, उन्हें नरेंद्र मोदी से नफरत है. नरेंद्र मोदी यदि राष्ट्रहित में कोई फैसला लेते हैं, तो उसका वो विरोध करते हैं, सड़क पर आकर विरोध करते हैं, पार्लियामेंट में विरोध करते हैं, संसद को कबड्डी का मैदान बनाना चाहते हैं, इस देश को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं.
अखिलेश यादव पर संगत का असर बताया
अखिलेश यादव द्वारा संसद में मेरठ सांसद अरूण गोविल के दिखाई न देने पर उठाए गए सवाल को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा कि अखिलेश यादव बहुत अच्छे, पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं, वह उनके परिवार का सम्मान करते हैं, लेकिन जब से राहुल गांधी के नेतृत्व में आए हैं, तब से ऊटपटांग बातें करना शुरू कर दिये हैं. उन्हें लगता है कि राहुल गांधी का जो राहु है, वो बड़ा पावरफुल है और राहुल गांधी का राहु अखिलेश यादव के सिर पर चढ़ गया है. इसलिए वह उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं.
2027 का चुनाव आने वाला है, अखिलेश यादव को भारतीय लोकतंत्र की गरिमा समझते हुए उन चुनावों की तैयारी करनी चाहिए, और असल में समाजवाद विचारधारा प्रकट करना चाहिए. समाजवाद परिवारवाद के विरोध में आया. लेकिन अखिलेश यादव की पार्टी ने परिवारवाद को समाजवाद का रूप दे दिया.
'लुटेरों के नाम पर न बने मस्जिद'
बंगाल में ममता सरकार के पूर्व विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबर नाम की मस्जिद का निर्माण कराए जाने के सवाल पर कल्कि पीठाधीश्वर ने कहा, "मस्जिद बनाने से, चर्च बनाने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. मस्जिद बनाई जाए, हजारों मस्जिदें हैं, एक और मस्जिद बन जाए, लेकिन लुटेरों के नाम पर मस्जिद नहीं बननी चाहिए. बाबर, तैमूरलंग, चंगेज खां और औरंगजेब, इन्होंने भारत को क्षति पहुंचाने का काम किया, हिन्दू अस्मिता को मिटाने का काम किया."
प्रमोद कृष्णम ने आगे कहाा, "इन्होंने मंदिरों को तोड़ने का काम किया, इन्होंने सनातन को मिटाने का काम किया, इन्होंने भारत को तोड़ने का काम किया, भारत को लूटने का काम किया, जिन्होंने भारत की अस्तित्व और अस्मिता को बर्बाद करने काम किया, ऐसे लुटेरों के नाम पर अगर कोई मस्जिद बनाता है, तो उन्हें लगता है कि भारत में पैदा जरूर हुआ है, लेकिन संतान बाबर की है."
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हिजाब छूए जाने को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य का अभिभावक होता है और अभिभावक का मतलब होता है पिता, पिता अपनी बेटी से मिलने में भी औपचारिकता रखे, तो फिर बाप-बेटी का रिश्ता कलंकित हो जाएगा. उन्हें लगता है कि अगर नीतीश कुमार ने एक पिता होने के नाते अपनी बेटी का चेहरा छू दिया, या नकाब छू दिया, तो इसमें कोई ज्यादा हायतौबा करने की जरूरत नहीं है.
Source: IOCL























