Rajasthan में SIR पर ग्राउंड रिपोर्ट: इन 4 मामलों से समझें BLOs का दर्द, किसी के घर 12 बजे रात आ रहे लोग, कोई 15-16 घंटे कर रहा काम
SIR In Rajasthan: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आहूत स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, राजस्थान में बीएलओ को परेशान कर रहा है! एबीपी न्यूज़ ने चार मामलों के जरिए पूरी प्रक्रिया को समझने की कोशिश करते हैं.

वोटर लिस्ट के रिवीजन यानी SIR के काम में लगे राजस्थान के एक BLO ने ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली है. दो की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है. कई फील्ड पर काम करते हुए बेहोश हो चुके हैं या फिर बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हैं. SIR के काम में लगे बूथ लेवल ऑफिसर्स पर काम का दबाव इतना ज्यादा है कि वह इन दिनों रोजाना 15 से 16 घंटे फील्ड में काम कर रहे हैं.
कई जगह लोग उन्हें घेरकर झगड़ा करते हैं. बेतुके सवाल करते हैं और उन पर दबाव डालते हैं. ऐसे में SIR के काम में लगे BLO किस मानसिक दबाव में काम कर रहे हैं और उन्हें फील्ड में किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों का दबाव उन पर किस तरह से पड़ता है और क्या वह समय से SIR के काम को पूरा कर पाएंगे, इन सभी का जवाब तलाशने के लिए ABP News की टीम ग्राउंड जीरो पर उतरकर फील्ड पर काम कर रहे BLO के बीच गई.

'सुबह 7:00 से 8:00 बजे घर छोड़ देते हैं...'
जयपुर शहर जहां ज्यादातर पढ़े लिखे और जागरूक लोग हैं, वहां भी BLO हर जगह भीड़ से घिरे हुए नजर आए. BLO को कहीं पांच लोगों ने घेर रखा था तो कहीं दर्जन भर लोगों ने. BLO जब सड़कों और गलियों की खाक छान रहे होते हैं तब भी कई लोग उनके साथ-साथ बात करते हुए चलते हैं. BLO ने कहीं स्कूटी को मेज बना रखा है तो कहीं बाइक पर फॉर्म रखकर उसे भरते और चेक करते हैं. शहर के बदनपुरा इलाके में एक BLO तो कचरे की बोरी पर फॉर्म रखकर काम करते हुए नजर आए.
ज्यादातर BLO का कहना है कि वह सुबह 7:00 से 8:00 बजे घर छोड़ देते हैं और रात को 10 से 11 के बीच अपने घर पहुंचते हैं. कई बार इससे भी ज्यादा देर हो जाती है. इनका कहना है कि SIR का काम शुरू होने के बाद ना तो यह ठीक से खाना खा पा रहे हैं और ना ही भरपूर नींद ले पा रहे हैं. उनके मुताबिक पिछले तीन हफ्तों से उनकी जिंदगी हराम हो गई है. अधिकारी लगातार कार्रवाई का डर दिखाते हैं जबकि तमाम जगहों पर पब्लिक दबाव बनाती हैं और बेतुके सवाल करती है. शारीरिक और मानसिक तौर पर उन्हें अब दिक्कत महसूस होने लगी है.

'महीने भर में SIR का काम पूरा हो पाना संभव नहीं...'
ज्यादातर BLO का कहना है कि महीने भर में SIR का काम पूरा हो पाना संभव नहीं है. इसमें कम से कम एक से दो महीने की मोहलत और मिलनी चाहिए. BLO के मुताबिक उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रेशर के चलते ही लोगों की मौत हो रही है और वह बीमार हो रहे हैं. साथियों के बारे में बातें सुनकर खुद उन्हें और उनके परिवार को भी डर लगता है. फील्ड में SIR का काम करने वाले BLO का कहना है कि उन्हें काम करने से कोई गुरेज नहीं है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त समय और संसाधन दिए जाने चाहिए.

'रोजाना कम से कम 15 से 16 घंटे काम...'
BLO का काम रहे शिक्षक अब्दुल हमीद का कहना है कि वह रोजाना कम से कम 15 से 16 घंटे काम कर रहे हैं. इतना काम करने के बावजूद अधिकारी लगातार दबाव बनाते रहते हैं. डांटते रहते हैं और धमकी देते हैं. उनके मुताबिक पिछले 17 - 18 दिनों में वह औसतन 3 घंटे से ज्यादा सो नहीं पाते हैं खाने का भी कोई वक्त नहीं होता. काम का दबाव बहुत ज्यादा है. सिर्फ एक महीने में SIR का काम पूरा हो पाना कतई संभव नहीं है. कम से कम दो वक्त महीने का वक्त और दिया जाना चाहिए.
'जिंदगी मजदूरों से भी बदतर हो गई'
पैरा टीचर फिरोज हसन भी SIR के काम में BLO के तौर पर लगाए गए हैं. उनका कहना है कि फार्म पाने और जमा करने के लिए लोग रात 12 बजे भी उनके कमरे पर आ जाते हैं. वह पार्ट टाइम टीचर हैं और उन्हें सिर्फ 15000 रुपए भत्ता मिलता है. इतने कम वेतन में भी वह रोजाना 16 घंटे काम कर रहे हैं. उनकी जिंदगी मजदूरों से भी बदतर हो गई है. फील्ड में लोग परेशान करते हैं और मीटिंग में अधिकारी डांटते और दबाव बनाते रहते हैं. इनका भी मानना है कि महीने भर में काम पूरा हो पाना कतई संभव नहीं है.

'एक-एक वोटर को ढूंढना ही सबसे मुश्किल...'
नगर विकास यानी UDH विभाग के कर्मचारी अर्पित चतुर्वेदी जयपुर शहर के आदर्श नगर इलाके में BLO का काम कर रहे हैं. मकान नंबर सीरियल से नहीं है. यहां ज्यादातर लोग किराए पर रहते हैं. ऐसे में एक-एक वोटर को ढूंढना ही सबसे मुश्किल काम साबित हो रहा है. वह सुबह से रात तक काम करते हैं. छुट्टियों के दिन काम और भी बढ़ जाता है. उनका कहना है कि काम को लेकर काफी दबाव और टेंशन है, लेकिन किसी तरह अपना काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं .

'BLO बेहद विपरीत हालात में काम कर रहे...'
पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़े रूपेंद्र सिंह शहर के बदनपुरा इलाके में BLO के तौर पर काम कर रहे हैं. इनका भी कहना है कि फील्ड में काम करते हुए तमाम तरह की दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन बात सिर्फ महीने भर की है, इसलिए वह किसी तरह मैनेज कर ले रहे हैं.
पार्षद प्रतिनिधि मोहम्मद शाकिर ने इस संदर्भ में कहा कि BLO बेहद विपरीत हालात में काम कर रहे हैं, इसलिए वह खुद वोटर्स को एक जगह बुलाकर BLO की मदद कर रहे हैं.
Source: IOCL






















