सिर्फ एक का नाम क्यों? सोशल मीडिया पर सचिन पायलट की पोस्ट पर बवाल, कांग्रेस में अंदरूनी जंग तेज
Rajasthan News: एनएसयूआई नेताओं को 17 दिन बाद जमानत मिली है. सचिन पायलट की पोस्ट में उपाध्यक्ष महेश चौधरी और इकाई अध्यक्ष किशोर चौधरी का जिक्र नहीं होने से गुटबाजी की चर्चा तेज हो गई है.

राजस्थान विश्वविद्यालय में आरएसएस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान तोड़फोड़ हुई. इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश चौधरी और विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष किशोर चौधरी को 17 दिन बाद राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच से जमानत मिल गई. कोर्ट के आदेश के बाद तीनों नेताओं की रिहाई का रास्ता साफ हो गया.
मामले में तीनों छात्र नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और तब से वे जेल में बंद थे. उनकी रिहाई के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोशल मीडिया पर उनके संघर्ष और साहस की सराहना की. लेकिन इसी बीच कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई, वजह बनी सचिन पायलट की सोशल मीडिया पोस्ट.
सचिन पायलट के ट्वीट के बाद बढ़ा विवाद
आज कई दिनों बाद राजस्थान NSUI प्रदेशाध्यक्ष @VinodJakharIN को जमानत मिली है। मुझे प्रसन्नता है कि विनोद जाखड़ और उनके साथियों ने इस पूरी लड़ाई में साहस और हौसला दिखाया और डरे नहीं। उनका यह संघर्ष वास्तव में सराहनीय है।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) October 17, 2025
मैं आप सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देता हूँ।… https://t.co/jSNcb4DUpz
सचिन पायलट ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि आज कई दिनों बाद राजस्थान एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ को जमानत मिली है. मुझे प्रसन्नता है कि विनोद जाखड़ और उनके साथियों ने इस पूरी लड़ाई में साहस और हौसला दिखाया.
यही पंक्तियां अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि सचिन पायलट ने प्रदेश उपाध्यक्ष महेश चौधरी और विश्वविद्यालय अध्यक्ष किशोर चौधरी का नाम अपनी पोस्ट में क्यों नहीं लिया, जबकि दोनों भी उसी केस में 17 दिन जेल में रहे थे.
घटना के बाद गुटबाजी के मिल रहे संकेत
कांग्रेस के अंदरूनी हलकों में यह घटना गुटबाजी के संकेत के रूप में देखी जा रही है. कई नेताओं का मानना है कि कांग्रेस में ऊपरी स्तर की खींचतान अब छात्र संगठनों तक पहुंच चुकी है. हालांकि, इस पूरे विवाद पर एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि पोस्ट में मेरा नाम क्यों नहीं लिखा गया.
इस घटना से क्या युवा संगठनों पर पड़ेगा असर
कांग्रेस के भीतर लंबे समय से सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमों के बीच दूरी की चर्चा होती रही है. अब इस घटना के बाद यह सवाल फिर से उभर रहा है कि क्या पार्टी के युवा संगठनों पर भी गुटबाजी का असर पड़ने लगा है.
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Source: IOCL
























