Lumpy Virus In Rajasthan: पूर्वी राजस्थान में भी दिखने लगा असर, भरतपुर में अब तक 5123 गौवंश लंपी वायरस से ग्रसित
Rajasthan News: पश्चिम राजस्थान के बाद अब पूर्वी राजस्थान में भी लंपी वायरस का असर देखने को मिल रहा है. इससे पशुपालन विभाग में हड़कंप मच गया है.

Lumpy Virus In Bharatpur: पश्चिम राजस्थान में गायों पर अपना असर दिखाने के बाद अब पूर्वी राजस्थान में भी लंपी वायरस का असर देखने को मिल रहा है. इस वायरस को लेकर पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. भरतपुर जिले में अब तक कुल 5123 गौवंश लंपी वायरस से ग्रसित मिले हैं. पशुपालन विभाग द्वारा इलाज करने पर 877 गौवंश ठीक हो गए हैं. अभी भी 4097 गौवंश लंपी वायरस से ग्रसित हैं. जिन्हें पशुपालन विभाग ने अलग से आइसोलेट किया है. अब तक लंपी वायरस से 149 गौवंश की मौत हो चुकी है.
भरतपुर जिले की डीग तहसील में स्थित श्री ब्रज कामद सुरभि वन एवं शोध संस्थान जडखोर में लगभग 10,000 गौवंश है. इस गौशाला के संचालक बाबा गोपेश दास देसी नुस्खों से गौशाला के गौवंश की सुरक्षा व लंपी वायरस से बचाव कर रहे हैं. बाबा गोपेश दास ने कुछ देसी नुस्खे बताये है जिनके उपयोग से गौवंश को लंपी वायरस से सुरक्षित रखा जा सकता है.
क्या है देसी नुस्खा बाबा गोपेश दास का?
बाबा गोपेश दास ने सभी गौपालकों को सुझाव दिया है कि लंपी वायरस से अपने गौवंश को बचाने के लिए इस देशी नुस्खा का प्रयोग करें. काली मिर्च 10 ग्राम, हल्दी एक चम्मच, आंवला 25 ग्राम, सौठ 25 ग्राम,गुड़ 100 ग्राम को एक साथ मिलाकर गोवंश को खिलाया जाए. साथ ही नीम और फिटकरी के पानी से गाय को नहलाना चाहिए.
जिले में लगभग 2 लाख गौवंश हैं. यहां लम्पी वायरस से गौवंश की मृत्यु दर 2.28% है और लंपी वायरस से ग्रसित 2.5 प्रतिशत गौवंश है जबकि राज्य के अन्य जिलों में कहीं अधिक है. भरतपुर जिले में 16 गौशाला है जिनका रोजाना डॉक्टरों द्वारा निरीक्षण किया जाता है और एक - एक गाय को चेक किया जाता है कि कोई गोवंश लंपी वायरस से ग्रसित तो नहीं है.
ज्यादातर गौशालाओं में गौवंश पूर्ण से रूप से लम्पी वायरस से सुरक्षित है. 3762 गौवंश लम्पी वायरस से बीमार है जिनका इलाज जारी है. 784 बीमार गोवंश इलाज के बाद इस वायरस से रिकवर हो गया है.
ज्यादातर गौशालाओं में ग्रामीण इलाकों में लम्पी वायरस से गौवंश को बचाने के लिए देसी नुस्खे उपयोग में लिए जा रहे है. कालीमिर्च,हल्दी,सौंठ,आवला,गुड़ को मिलाकर गौवंश को लगातार खिलाया जा रहा है जिससे गौवंश की इम्युनिटी मजबूत हो सके. इसके अलावा नीम की पत्तियों को जलाकर उनकी धुआँ भी गौवंश को दी जा रही है जिससे गौवंश के फेफड़े इन्फेक्शन से मुक्त हो सके.
गोपेश दास ने बताए गोवंश बचाव के नुस्खे
बाबा गोपेश दास ने बताया है कि लंपी वायरस को ध्यान में रखते हुए घरेलु देशी नुस्खे भी अपनाने चाहिए. उन्होंने बताया कि गाय के नाक के पास या गले में कपूर बांधना चाहिए. गोशाला में सुबह और शाम नीम, लोभान और गूगल का धुआं देना चाहिए. गौशाला की काली फिनाइल से धुलाई करें या काली फिनाइल का गौशाला में छिड़काव करना चाहिए. नीम के पत्ते को पानी में उबालकर उसमें फिटकरी और हल्दी डालकर उस पानी से गाय को दिन में दो या तीन बार नहलाया चाहिए जिससे लंपी वायरस से गौवंश को बचाया जा सकता है.
संयुक्त निदेशक डॉ. गजेन्द्र सिंह चाहर ने बताया कि भरतपुर जिले में अब तक कुल 5123 गौवंश लंपी वायरस से ग्रसित मिले है. पशुपालन विभाग द्वारा इलाज करने पर 877 गौवंश ठीक हो गए है. अभी भी 4097 गौवंश लंपी वायरस से ग्रसित है जिनका इलाज जारी है जिन्हे पशुपालन विभाग ने अलग से आइसोलेट किया है. लंपी वायरस से अबतक 149 गौवंश की मौत हो चुकी है.
लंपी वायरस ने चिंता बढ़ा रखी है. लेकिन भरतपुर जिले की अन्य जिलों से स्थिति बेहतर है. भरतपुर जिले के कामां ,पहाड़ी, सिकरी, गोपालगढ़, नगर में लंपी वायरस के मामले ज्यादा मिल रहे है. पशुपालन विभाग द्वारा बनाई गई टीम गांव - गांव जाकर सर्वे कर रहे है. संयुक्त निदेशक ने बताया कि जिले में 16 गौशाला है. जिले में अबतक 58 हजार 189 गौवंश का टीकाकरण किया जा चूका है इसके साथ ही नियमित सर्वे किया जा रहा है. इसके साथ ही सोडियम हाइपोक्लोराइड का स्प्रे कराया जा रहा है.
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Source: IOCL






















