'ऐसे लोग एक दिन अकेले हो जाएंगे', राज ठाकरे को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान
Maharashtra News: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद को लेकर बिना नाम लिए मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग एक दिन अकेले रह जाएंगे.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बुधवार (23 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले एक दिन अकेले रह जाएंगे.
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बात ये है कि भाषा के संदर्भ में जब बात कर रहे हैं, ये भाषा नहीं हिंसा है. जो लोग इस तरीके के भाषा का इस्तेमाल करते है वो कुछ दिन बाद अकेले हो जाएंगे.
ब्लास्ट मामले पर क्या कहा?
इसके अलावा उन्होंने 2006 ब्लास्ट मामले पर कहा जो लोग मरे इस घटना में उसके बारे में कौन सोचेगा? ये कैसा फैसला है कोर्ट का? आज जो लोग पकड़े गए है वो निर्दोष हैं? अपने आप घटना हो गया, चमत्कारी हो गया है मुंबई?
उन्होंने आगे कहा कि ये फैसला कैसा लिया कोर्ट ने? किस सरकार की असफलता है ये अलग बात है. कैसा मुकदमा बनाया गया? 100 दिन के 3 बाद किसी की गवाही नहीं सुनेंगे? 11 साल लग गए फैसला को और क्या दिया फैसला?
गौ हत्या पर भी दिया बयान
गौ हत्या एंड सप्लाई के मामले को लेकर उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में पहले राज्य माता कहा है उसका डिस्क्रिबशन दीजिए?
कैसे खाएगी, कैसे पीएगी एक प्रोटोकॉल बनाया जाए इस मामले में. ये बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा और संबंधित मंत्री को भी इस मामले को पहुंचाया जाएगा."
तिरुपति प्रसाद पर क्या कहा?
तिरुपति प्रसाद पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका थी. 3 दिन पहले इनका ये कहना था तिरुपति के प्रसाद में कुछ मिलाया गया था. इनका ये कहना था कि एक निर्देश जारी करे की शुद्ध घी में प्रसाद दे, लेकिन कोर्ट ने कहा कि अपनी याचिका वापस ले लो.
उन्होंने कहा कि लेकिन जो टिप्पणी की गई ये क्यों दायर किया गया पिटिशन? ये कितनी गजब की बात है गाय गाय में भेद किया जा रहा है. अगर आप ये कहते हैं तो कुतिया के दूध से भगवान का प्रसाद बनाया जाए? क्या कहना चाहते हो?
मुंबई में कबूतरखाने पर रोक पर क्या कहा?
कबूतर खाने वाले मामले में बोला गया है ये बात 3 चरणों का होगा
पहला याचिका फिर नोटिस और सुनवाई
कबूतरों को दाना डालने से रोग फैलता है मानव के मल में भी बैक्टीरिया होता है.
क्या किया जाए मानव को हटा दिया जाए ? राशन की दुकान को हटा देना चाहिए?
कबूतरों का पुनर्विकास करना चाहिए
शुरुआत में हमनें उनको आदत डाली दाना डालने की, अब हम उनको उनकी हालत में छोड़ दे, ये कैसे हो सकता है ?
अगर इस न्यायालय के फैसले से कोई असमत होगा तो वो अपने दूसरे न्यायालय में जा सकते है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























