पहलगाम हमले के बाद संजय निरुपम ने की कश्मीरियों की तारीफ, बोले- 'हमला धर्म के आधार पर किया गया, लेकिन पाकिस्तानी...'
Sanjay Nirupam On Pahalgam Terror Attack: संजय निरुपम ने पहलगाम हमले के बाद स्थायी कश्मीरियों के साहस और सहयोग की सराहना की. उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुसलमानों की ओर से बंद बुलाना एक सराहनीय कदम है.

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद घाटी के मुसलमानों का गुस्सा भी फूट पड़ा है. इस पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि वहां की जनता पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ खुल कर आवाज उठा रही है. संजय निरुपम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर किया. इस पोस्ट में उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले पर कश्मीरियों की प्रतिक्रिया की सराहना की है. निरुपम ने लिखा कि यह रेखांकित करने योग्य बात है कि कश्मीरी मुसलमान इस हमले के खिलाफ जबरदस्त गुस्से में हैं.
निरुपम के मुताबिक, आम कश्मीरियों ने इस बार आतंकवादियों और पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर विरोध जताया है. घाटी में कई जगहों पर स्थानीय लोगों ने बंद बुलाया, विरोध प्रदर्शन किए और पीड़ितों व पर्यटकों की मदद के लिए सामने आए. यह व्यवहार एक सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है, जिसकी पूरे देश में सराहना होनी चाहिए.
शिवसेना ने आगे लिखा, "पहलगाम हमला न केवल निर्दोष नागरिकों पर हमला है, बल्कि यह कश्मीर की अर्थव्यवस्था और विशेषकर पर्यटन को निशाना बनाने की साजिश है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में कश्मीर में लगभग 25 लाख पर्यटक आए थे, लेकिन 2023 में यह आंकड़ा 2.5 करोड़ तक पहुंच गया. यह विकास पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा था.
कश्मीर में पर्यटन बढ़ने से पाकिस्तान परेशान- शिवसेना नेता
उनका कहना है कि पाकिस्तान कश्मीर में बढ़ते टूरिज्म को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि शांति और प्रगति उसके मंसूबों के खिलाफ जाती है. निरुपम ने सरकार से मांग की कि कश्मीर में पर्यटन अबाधित रूप से चलता रहना चाहिए और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने चाहिए.
हमला धर्म के आधार पर ही किया गया- संजय निरुपम
संजय निरुपम ने उस नैरेटिव का भी विरोध किया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आतंकवादियों ने हमला करते समय धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह हमला धर्म के आधार पर ही किया गया है, लेकिन पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किया गया, कश्मीरी मुसलमानों द्वारा नहीं.
उन्होंने कहा कि पीड़ित पर्यटकों के बयान साफ तौर पर इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकियों ने धर्म पूछकर हमला किया. यह कोई मीडिया हाउस की बनाई कहानी नहीं थी, बल्कि वहां मौजूद पर्यटकों द्वारा दी गई प्रत्यक्ष जानकारी थी.
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Source: IOCL























