नितेश राणे के 'आर्टिफिशयल बकरीद' वाले बयान पर शरद पवार के नेता का तंज- 'ऐसा जमाना आ गया है कि...'
Sharad Pawar Faction on Nitesh Rane: शरद पवार के नेता जितेंद्र आव्हाड ने नितेश राणे पर तंज कसते हुए कहा कि अब जो वो कहेंगे वही करना पड़ेगा. कुछ समय बाद बोलेंगे कि खाना भी वर्चुअली खाओ.

Jitendra Awhad on Nitesh Rane: बकरीद 2025 से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. महायुति की देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री नितेश राणे ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसके बाद से विपक्ष उनपर हमलावर है. नितेश राणे ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि 'वर्चुअल बकरीद' मनाएं. इसपर शरद पवार के नेता और जितेंद्र आव्हाड की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के राजनेता 'टेक्नीकली बहुत एडवांस' हो गए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने नितेश राणे पर तंज कसा. उन्होंने कहा, "उनकी सोच अच्छी है. कल बोलेंगे कि खाना भी वर्चुअली ही खाओ. अब ऐसा जमाना आ गया है कि वो जो बोलेंगे वही करना होगा. एक कहावत है न- 'न खाता न बही, जो वो बोलेंगे वही सही'. इसलिए अब वर्चुअल खाना खाने की भी तैयारी कर लो."
सर्वदलीय बैठक की मांग पर जितेंद्र आव्हाड
वहीं, संजय राउत ने विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि भारत-पाकिस्तान विवाद, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर स्पषटता से बात करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएं. एनसीपी-शरद पवार के नेता जितेंद्र आव्हाड ने संजय राउत की इस मांग का समर्थन किया है.
शरद पवार के एनसीपी नेता ने कहा है, "हमारी लोकसभा के सांसद अब विदेशों में जाकर आ रहे हैं. ऐसे में वहां के लोगों की क्या सोच है. दुनिया भारत के बारे में क्या सोचती है, इसके बारे में देश को पता होना चाहिए. इसलिए सभी दलों की बैठक दिल्ली में बुलाई जानी चाहिए."
जी-7 समिट में भारत को न्योता नहीं
जी-7 में भारत को न्योता न दिए जाने पर जितेंद्र आव्हाड ने इसे 'देश का अपमान' बताया. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ ऐसा कदम उठाया जाना अच्छी बात नहीं है.
लाडली बहना योजना को लेकर भी सरकार पर हमला
जितेंद्र आव्हाड से सवाल किया गया कि 'लाडली बहना योजना' के नाम पर महायुति सत्ता में आ गई, लेकिन अब वित्त मंत्री अजित पवार कह रहे हैं कि योजना लाने में जल्दबाजी कर दी गई. इसको लेकर जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "जल्दबाजी नहीं हुई है, यह केवल वोट खरीदने की साजिश थी जिसमें वे कामयाब हो गए हैं. अब वह साजिश पूरी करने में महाराष्ट्र का आर्थिक हिसाब-किताब बिगड़ गया है और सरकार की तिजोरी खाली हो गई. इसलिए अब बहनों को काटने का काम हो रहा है."
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Source: IOCL






















