'देवेंद्र फडणवीस के आगे-पीछे ठुमके लगाते हैं', इस मंत्री पर इतना भड़के संजय राउत कि बता दिया 'नचनिया'
Sanjay Raut on Girish Mahajan: बीजेपी मंत्री गिरीश महाजन के शिवसेना को 'जमींदोज' करने के बयान पर संजय राउत ने 'सामना' में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. राउत ने महाजन को 'भ्रष्ट' और 'अक्षम' बताया है.

Sanjay Raut on Girih Mahajan: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में बीजेपी के मंत्री गिरीश महाजन ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे राज्य की राजनीति में खलबली मच गई. गिरीश महाजन ने कहा था कि बाल ठाकरे की शिवसेना को जमींदोज किया जाएगा. इसपर अब संजय राउत भड़क गए हैं और उन्होंने शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में मंत्री के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है.
सामना के संपादकीय में लिखा गया है, "बीजेपी के एक मंत्री गिरीश महाजन ने अहंकार भरा बयान दिया है कि हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को जमींदोज किया जाएगा. जब सत्ता में कोई व्यक्ति मदांध हो जाता है तो क्या होता है, इसका महाजन एक अच्छा उदाहरण है."
'नेता आते जाते हैं, शिवसेना है और रहेगी'
संजय राउत ने आगे लिखा, "महाजन जैसे कई लोगों ने पिछले 50 साल में शिवसेना को नष्ट करने की लफ्फाजी की है. शिवसेना केवल सांसदों, विधायकों और नगरसेवकों की तरह बिकने वाली वस्तु नहीं है. शिवसेना विचारों के साथ आगे बढ़ने वाला एक संगठन है. चुनाव आते हैं और जाते हैं. विधायक, सांसद आदि भी बह जाते हैं, लेकिन शिवसेना है और रहेगी."
गिरीश महाजन पर जमकर साधा निशाना
इतना ही नहीं, सामना में गिरीश महाजन के बड़ा तंज कसते हुए संजय राउत ने लिखा है, "वर्तमान राजनीति में गिरीश महाजन को ‘नाच्या’ कहा जाता है और यह सच भी है. फडणवीस के आगे-पीछे ठुमके लगाने के अलावा इस आदमी के पास कोई और उपलब्धि नहीं है. जामनेर निर्वाचन क्षेत्र का पूरा इलाका जहां से यह सज्जन चुने गए हैं, आज भी बंजर और श्मशान समान है. वहां लोगों को न्यूनतम नागरिक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं."
सामना में आरोप लगाया गया, "गिरीश महाजन 2025 के विधानसभा चुनाव में ‘बमुश्किल’ बहुमत से चुने गए थे. मतदाता सूची में हेराफेरी और पैसे के भारी वितरण के कारण उन्होंने बमुश्किल जीत हासिल की. वोट खरीदना, दूसरे लोगों के चुने हुए लोगों को खरीदना उनका धंधा है और उनके अन्य धंधे और शौक क्या हैं, इस पर माननीय एकनाथ खडसे ने बार-बार प्रकाश डाला है. महाजन ने वित्तीय घोटाले, बैंक और जमीन हड़पने, पतपेढ़ियों में धोखाधड़ी, टेंडर हेराफेरी और दलाली से हजारों करोड़ की संपत्ति जमा की है."
'शिवसेना ने पहचान दी, अन्य दलों ने खरीद लिया'
संजय राउत ने संपादकीय में यह भी लिखा कि जिन लोगों को शिवसेना ने नाम, छवि, प्रतिष्ठा और शक्ति दी, उनमें से कई को कभी कांग्रेस ने, कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस ने तो कभी मौजूदा भारतीय जनता पार्टी ने खरीद लिया. फिर भी, शिवसेना है और रहेगी. वास्तव में महाजन जैसे लोगों को हर दिन ‘हम शिवसेना को खत्म कर देंगे, हम शिवसेना को जमींदोज कर देंगे’ कहना शिवसेना की ताकत का अंदाजा देता है.
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Source: IOCL
























