'उद्धव ठाकरे ने अपने समय में क्या किया?' मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच देवेंद्र फडणवीस का सवाल
Devendra Fadnavis News: मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा, जिसपर ठाकरे ने पलटवार किया. मनोज जरांगे आरक्षण मिलने तक मुंबई में आंदोलन जारी रखने पर अड़े हैं.

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन का मुद्दा गर्माया हुआ है. इसको लेकर अब सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं. एक ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बिना किसी का नाम लिए उद्धव ठाकरे की सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि कुछ राजनीतिक पार्टियां मनोज जरांगे के कंधे पर बंदूक रखकर अपना स्वार्थ निकाल रही हैं, लेकिन उन्हें फायदा नहीं होगा. इसपर अब राजनीतिक विवाद छिड़ गया है.
देवेंद्र फडणवीस के जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा, "मराठाओं के कंधे पर बंदूक रखकर कौन गोली चला रहा है, ये खुद मुख्यमंत्री ढूंढ कर निकालें." उद्धव ठाकरे ने कहा था कि चुनाव से पहले जो वादे और शपथें छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर ली गई थीं, उन्हें क्यों पूरा नहीं किया गया? मुंबई मराठी जनता की राजधानी है. सरकार को बातचीत करनी चाहिए, छल कपट नहीं. अब शिवसेना यूबीटी के प्रमुख के जवाब पर सीएम देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया आई है.
'उद्धव ठाकरे ने अपने समय में क्या किया?'- सीएम फडणवीस
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में मराठा समाज के लिए किया हुआ एक काम वो दिखा दें, उसके बाद कुछ बोलें.
#WATCH | Mumbai | Maharashtra CM Devendra Fadnavis says, "Uddhav Thackeray should tell whether he has done even a single work for the Maratha community while in power..." (29.08) pic.twitter.com/Mxx3MtOLzy
— ANI (@ANI) August 29, 2025
'आरक्षण मिलने तक नहीं हटेंगे'- मनोज जरांगे
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील शुक्रवार (29 अगस्त) से आंदोलन पर हैं. मुंबई के आजाद मैदान में यह आंदोलन जारी रहेगा. मुंबई पुलिस ने केवल शनिवार तक ही आंदोलन जारी रखने की अनुमति दी थी, लेकिन अब जरांगे ने इस आंदोलन को और आगे बढ़ाने की इजाजत मांगी है.
बता दें, इस आंदोलन में महाराष्ट्र के कोने-कोने से आंदोलनकर्ता मुंबई पहुंचे हैं. मनोज जरांगे ने ऐलान कर दिया है कि वो बिना आरक्षण लिए मुंबई से नहीं हटेंगे, चाहे उन्हें गोलियां ही क्यों न खानी पड़ें.
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Source: IOCL
























