CM देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान, 'मैं 44 साल की उम्र में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना क्योंकि...'
Maharashtra News: हाशु आडवाणी के शताब्दी समारोह के दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी जीवनयात्रा है अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायी है. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा में लगा दिया.

Devendra Fadnavis News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार (26 फरवरी) को हशु आडवाणी की जन्मशताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. चेंबूर में विवेकानंद एजुकेशन सोसायटी में स्वर्गीय हाशु आडवाणी के शताब्दी समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में हशु आडवाणी की विरासत का सम्मान किया गया.
इस दौरान शिक्षा, समाज और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डालने वाली एक किताब का विमोचन भी किया गया. सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने हशु आडवाणी को याद करते हुए उन्हें नमन किया.
Chembur, Maharashtra: CM Devendra Fadnavis says, "I became the Chief Minister of Maharashtra at the age of 44. This is true, but I was able to become the Chief Minister of Maharashtra at the age of 44 because of the hard work of people like Hashu Advani. People like Hashu Advani,… pic.twitter.com/X91crvaxpJ
— IANS (@ians_india) February 26, 2025
'हशु जी की मजबूत नींव की वजह से मैं CM बन पाया'
इस मौके पर सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, "मैं 44 साल की उम्र में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना. ये बात तो सही है लेकिन मैं 44 की आयु में महाराष्ट्र का सीएम बन पाया क्योंकि उसकी नींव हशु आडवाणी जी जैसे लोगों ने लगाई थी. ये लोग एक प्रकार से ऐसा काम करते हैं कि जिनको हम मूलगामी आधारशिला कह सकते हैं.
हर रचना में मूलगामी आधारशिला अहम-फडणवीस
उन्होंने आगे कहा, ''कोई संस्था हो, कोई पार्टी हो या किसी भी प्रकार की रचना हो. हर रचना में एक मूलगामी आधारशिला होता है, जिसके ऊपर संस्था भी खड़ी होती है और पार्टी भी खड़ी होती है. ऐसी ही आधारशिला पर एक बिल्डिंग भी खड़ी होती है. इस तरह की नींव का काम अगर किसी ने किया है तो हशु आडवाणी जी ने किया है. इसलिए मैं ऐसा मानता हूं कि आज निश्चित रूप से इस महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर उनकी जन्मशति की शुरूआत हमलोग कर रहे हैं. ये अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण बात है.
हशु जी की जीवनयात्रा प्रेरणादायी- फडणवीस
महाराष्ट्र के सीएम ने ये भी कहा, ''हम सभी लोग जानते हैं कि हशु जी की जो जीवनयात्रा है वो अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायी है. वो केवल एक राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद ही नहीं थे, उनका बहुत ही संस्कारी व्यक्तित्व था, जिसने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा में लगा दिया. अपने जीवन का कण-कण समाजसेवा में लगाने वाले ऐसे हशु जी थे.
'हशु जी के जीवन में संघर्ष, समर्पण और सेवा भी'
उन्होंने ये भी कहा कि मैं ये मानता हूं कि इस जन्मशती के अवसर पर जो किताब रिलीज हुई है, वो शायद बहुत ही बड़ी किताब है. ये सबतक नहीं पहुंच पाएगी. लेकिन हशु जी के जीवन पर एक छोटी सी हैंडबुक विवेकानंद संस्था की ओर से सभी विद्यार्थियों तक पहुंचना चाहिए. उनके जीवन में संघर्ष, समर्पण और सेवा भी है.
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