'ठाकरे ब्रांड कोमा में', BEST चुनाव में राज-उद्धव का नहीं खुला खाता, BJP ने लगाया बैनर
Maharashtra Politics: 20 साल बाद साथ चुनाव लड़ने वाले उद्धव और राज ठाकरे को बेस्ट सोसाइटी चुनाव में करारी हार मिली. बीजेपी ने इस हार का मज़ाक उड़ाते हुए 'ठाकरे ब्रांड कोमा में' के पोस्टर लगाए.

उद्धव ठाकरे अपने भाई राज ठाकरे के साथ 20 साल बाद चुनाव तो लड़े, लेकिन एक भी सीट हासिल नहीं कर पाए. बेस्ट सोसाइटी चुनाव की 21 सीटों पर ठाकरे भाइयों का खाता भी नहीं खुला. ऐसे में साथ आने के बाद पहली ही परीक्षा में उनको बड़ा झटका लगा. अब ठाकरे बंधुओं की इस हार का मजा बीजेपी ले रही है. मुंबई में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिनपर लिखा है- 'ठाकरे ब्रांड कोमा में'.
बेस्ट चुनाव में यूं तो बीजेपी की जीत भी नहीं हुई. बीजेपी का पैनल सात सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रहा, लेकिन बड़ा झटका शिवसेना यूबीटी-मनसे समर्थित पैनल के लिए था, क्योंकि उनको एक भी सीट नहीं मिली. ऐसे में बीजेपी तंज कसते हुए जगह-जगह बैनरबाजी कर रह है. बैनरों पर लिखा है- 'ब्रांड ठाकरे कोमा में, स्वदेशी देवाभाऊ जोश में'
बैनर पर लगीं बीजेपी नेताओं की तस्वीरें
बैनरों पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड, रविंद्र चव्हाण, आशीष शेलार और अन्य नेताओं की तस्वीरें भी लगी हैं. बता दें, बेस्ट पतपेढ़ी चुनाव में प्रसाद लाड के नेतृत्व में 7 सीटों पर जीत मिली, जबकि दोनों ठाकरे बंधुओं को शून्य पर संतोष करना पड़ा.
ठाकरे भाइयों के लिए लिटमस टेस्ट था यह चुनाव
महानगरपालिका चुनाव की पृष्ठभूमि पर बेस्ट का यह चुनाव ठाकरे भाइयों के बीच संभावित गठबंधन के लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा था.
क्या रहे बेस्ट चुनाव के नतीजे?
बेस्ट सोसाइटी चुनाव में शशांक राव के पैनल ने 14 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि महायुति के पैनल ने 7 सीटें जीतीं. इसी के साथ शिवसेना यूबीटी का 9 साल पुराना दबदबा पूरी तरह से खत्म हो गया.
मतदाताओं ने ठाकरे गुट को क्यों नकारा?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शशांक राव पैनल की जीत का कारण उनका सालों से मजदूर संगठनों के साथ जुड़ाव, आंदोलनों में सक्रिय भूमिका और BEST कर्मचारियों के मुद्दों को उठाना रहा. नतीजतन, 15,000 मतदाताओं ने ठाकरे बंधुओं और महायुति दोनों को नकारकर शशांक राव पैनल को वोट दिया.
Source: IOCL






















