महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल, CM देवेंद्र फडणवीस से मिले राज ठाकरे
Raj Thackeray Meets Devendra Fadnavis: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से उनके आवास पर मुलाकात की. उद्धव ठाकरे के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच यह मुलाकात अहम मानी जा रही है.

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल आया है. गुरुवार (21 अगस्त) की सुबह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके वर्षा बंगले पर पहुंचे हैं. दोनों के बीच में क्या बात हुई, इसकी जानकारी तो अभी सामने नहीं आई है लेकिन उद्धव ठाकरे के साथ आने की अटकलों के बीच सीएम फडणवीस से उनकी मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है.
मुख्यमंत्री आवास से निकलकर राज ठाकरे ने कहा कि वह इस मुलाकात की जानकारी बाद में अपने घर पहुंच कर देंगे. इसी के साथ उन्होंने उत्सुकता बढ़ा दी है.
यूं तो राज ठाकरे कई बार सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे हैं और कई बार सामान्य तौर पर मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन इस बार की मुलाकात राजनीतिक तौर पर अहम मानी जा रही है. दरअसल, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 20 साल बाद पहली बार एकसाथ आए और बेस्ट चुनाव में दांव आजमाया. नतीजा यह हुआ कि बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में हमेशा दबदबा बनाकर रखने वाले ठाकरे गुट का इस बार खाता भी नहीं खुला. यानी ठाकरे बंधु पहले टेस्ट में ही फेल हो गए. ऐसे में राज ठाकरे के मन में भाई के साथ आने की बात को लेकर क्या चल रहा है, यह पता लगाना मुश्किल है.
उद्धव-राज ठाकरे का गठबंधन संभव या नहीं?
अब महाराष्ट्र में निकाय चुनाव भी आने वाले हैं. इसको लेकर उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत और अन्य नेता यह बयान दे चुके हैं कि राज ठाकरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, मनसे प्रमुख की ओर से ऐसी बात स्पष्टता से नहीं कही गई है. न ही राज ठाकरे और न ही उनके किसी नेता ने यह कहा है कि उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन होगा या साथ मिलकर आगामी चुनाव लड़े जाएंगे.
राज ठाकरे ने ही शुरू की थी शिवसेना यूबीटी के साथ आने की बाद
कुछ समय पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने ही 'मराठी मानुस' और 'मराठी भाषा' के उद्धार के लिए उद्धव ठाकरे के साथ काम करने की बात कही थी. उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी इसपर सहमति जताते हुए यह कहा था कि मराठी के हित में अगर पुराने गिले-शिकवे भुलाकर साथ काम करना पड़े, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
शिवसेना प्रेमियों के मन में भी इस संभावना के बारे में सोचते ही खुशी दौड़ गई थी कि 20 साल बाद बाल ठाकरे रियासत वापस बनने वाली है. हालांकि, इसके बाद राज ठाकरे गुट की ओर से इसको लेकर कोई खास चर्चा नहीं हुई. फिर 5 जुलाई वह बड़ा दिन रहा, जब मराठी भाषा के समर्थन में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एकसाथ एक मंच पर दिखे और बाद में बेस्ट चुनाव में साथ लड़े.
Source: IOCL






















