पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर उमा भारती बोलीं, 'मुझे बहुत...'
Uma Bharti News: उमा भारती ने बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू राष्ट्र की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है और यही इसकी धर्मनिरपेक्षता की गारंटी है.

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की सीनियर नेता उमा भारती ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का मुद्दा उठाया है. उन्होंने छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तारीफ भी की. उमा भारती ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "मुझे खुशी है कि हिंदू एकता हिंदू राष्ट्र की बात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कही है. बुंदेलखंड से ही ऐसी विभूतियां निकलती हैं."
उमा भारती ने आगे कहा, "एक बात है कि भारत हिंदू राष्ट्र है. इसे सबको स्वीकार करना है." उमा भारती का कहना है कि इस देश का हिंदू राष्ट्र होना ही, इसके सेक्युलर बने रहने की गारंटी है. यहां सेक्युलरिज़्म का मतलब है सभी धर्मों को मानना, जो कई देवी-देवताओं की पूजा और कई रीति-रिवाजों की हिंदू परंपरा में बसा है. इस्लाम, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म के होने से बहुत पहले, हिंदू अनगिनत देवी-देवताओं की पूजा करते थे."
उमा भारती ने इस बात पर जोर दिया का भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना नहीं है, क्योंकि यह हिंदू राष्ट्र है. आगे कहा, "जैसा कि डॉ. हेडगेवार ने कहा था, भारत एक हिंदू राष्ट्र है. यह हिंदू राज्य नहीं है, इसका मतलब है कि यह देश किसी एक धर्म को नहीं मानता या उसके आधार पर काम नहीं करता. ऐसा कभी नहीं होगा और हम विविधता में एकता को मानते हैं."
VIDEO | Bhopal: During a press conference, Former Madhya Pradesh CM and senior BJP leader Uma Bharti says, “India’s identity as a Hindu nation is what ensures its secularism. Secularism here reflects acceptance of all faiths, rooted in the Hindu tradition of worshipping many… pic.twitter.com/lB4elxJEcC
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2025
बीजेपी नेता ने आगे कहा, "इस्लाम, जैन, बुद्ध, ईसाई कोई नहीं था, तब सनातन था. हिंदू ने सबको स्थान दिया. किसी की मान्यताओं से इनकार नहीं किया. अन्य धर्मों को समझना होगा कि हिंदू का मलतब ही विविधता में एकता है. भारत हिंदू स्टेट नहीं है. यह होगा भी नहीं."
'जातिवाद ने पैदा कीं कई समस्याएं'- उमा भारती
उमा भारती ने जातिवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा, "हिंदू में एकता हो जाति-पाति से परे हो, यह जरूरी है. जातियों में विभागजन के कारण ही कई समस्याएं इतिहास में हैं. हिंदू एकता का आधार क्या है. आधार है आर्थिक समानता. हिंदू समाज में एकता के लिए जरूरी है कि सत्ता शासन और प्रशासन एक हों. सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट स्कूल हो, या फिर सरकारी अस्पताल और निजी में अंतर क्यों? यह नहीं होना चाहिए. सत्ता शासन और प्रशासन में सबकी भागीदारी समान होना जरूरी है."
'मजबूरी है आरक्षण'- उमा भारती
वहीं, रिजर्वेशन को 'मजबूरी' बताते हुए उमा भारती ने कहा, "आरक्षण एक संवैधानिक बाध्यता है. अब समाज में एक लहर उठने की जरूरत है. सत्ता, शासन और प्रशासन में पदों के वजन बराबर हों.
Source: IOCL






















