Benefits of Boredom: कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
Ways To Reset Your Brain: हम हमेशा कोशिश करते हैं कि बोर न हों, इसके लिए हम तरह-तरह के काम करते हैं. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बोर होना हमारे लिए फायदेमंद क्यों होता है?

Why Boredom Is Important: हम सब अपनी व्यस्त दिनचर्या से थोड़ा वक्त निकालकर खुद को रिलैक्स करना चाहते हैं, कभी फिल्में देखते हैं, कभी किताबें पढ़ते हैं, तो कभी खाना बनाते हुए या दोस्तों से मिलकर मन हल्का करते हैं. लेकिन सच कहें तो ‘कुछ न करना’ या यूं ही थोड़ा बोर हो जाना, इसके लिए शायद ही कोई समय निकालता हो. आज की तेज रफ्तार लाइफस्टाइल में हमारा दिमाग हर वक्त किसी न किसी चीज से घिरा रहता है और सोशल मीडिया इसमें सबसे बड़ा योगदान देता है. थोड़ा-सा खाली समय भी हम स्क्रॉलिंग या वेब सीरीज में खत्म कर देते हैं.
लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आप सचमुच अपने दिमाग और स्वास्थ्य के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं, तो थोड़ा-सा बोर होना भी फायदेमंद साबित हो सकता है. डीआईपीएएस, नई दिल्ली की सीनियर फेलो एवं साइकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योत्सना बख्शी ने बताया कि क्यों हमें कभी-कभी खुद को बोर होने देना चाहिए और इसका दिमाग पर क्या पॉजिटिव असर पड़ सकता है. डॉ. जोशी के अनुसार, स्मार्टफोन और लगातार सोशल मीडिया पर बने रहना हमारी मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है, इससे तनाव बढ़ता है, ध्यान भटकता है, क्रिएटिविटी कम होती है और धीरे-धीरे लोग एडिक्शन का शिकार भी हो जाते हैं.
अगर आप थोड़ी देर के लिए दोस्तों, जिम्मेदारियों और फोन से दूरी बनाकर खुद को समय देते हैं, तो इससे मूड बेहतर होता है, दिमाग ज्यादा क्रिएटिव बनता है और तनाव भी कम होता है.
बोर होने के ये फायदे-
टेक एडिक्शन से छुटकारा
स्मार्टफोन की लत आपको बेचैन कर सकती है, कई बार लोग बिना वजह फोन की घंटी सुनाई देने का भ्रम भी महसूस करते हैं. ज्यादा स्क्रीन टाइम डिप्रेशन, चिंता, खराब नींद और पढ़ाई में गिरावट जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. थोड़ा बोर होना दिमाग में न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ाता है, जो खासकर बच्चों और किशोरों में जरूरी है. इसलिए अगर आपके पास पांच मिनट भी हों, तो फोन हटाकर पुराने तरीके अपनाएं, कुछ ड्रॉ करें, लिखें, कल्पनाएं करें या बस संगीत के साथ आराम से बैठें.
क्रिएटिविटी बढ़ती है
बोर होने को समय की बर्बादी न समझें। यह दिमाग को हल्का करता है और उसे नए विचारों के लिए जगह देता है. जब आप खुद को गैजेट्स से थोड़ी देर के लिए दूर रखते हैं, तो दिमाग नई चीजें सीखने और सोचने के लिए सक्रिय हो जाता है, जिससे क्रिएटिविटी बढ़ती है.
नई हॉबी और दिलचस्पियां खोजने का मौका
बोरियत आपको अपने अंदर झांकने और नई रुचियां समझने का समय देती है. जब आप ‘मी टाइम’ में बस अपने साथ होते हैं, तो कई नई हॉबीज और टैलेंट सामने आते हैं जिन्हें आप शायद रोजमर्रा की भागदौड़ में मिस कर देते हैं.
मन शांत और जागरूक बनता है
कुछ न करना ही असल में शांति और माइंडफुलनेस की शुरुआत है. वर्तमान पल में खुद पर ध्यान देना नींद बेहतर करता है, भावनाओं को संतुलित रखता है और आपको सकारात्मक बनाता है. यह वजन कम करने की कोशिशों में भी मददगार हो सकता है.
तनाव कम होता है
बोर होना दिमाग को रीसेट करने का मौका देता है. जब आप थोड़ी देर के लिए खुद को रूटीन से अलग करते हैं, तो मानसिक थकान कम होती है और सोच में ताजगी आती है. इससे आगे चलकर खुशी, सफलता और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सब संभव हो जाते हैं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL





















